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उत्तर प्रदेश की नगीना सांसद व आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उनकी टेंशन बढ़ा दी है। नगीना सांसद ने उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज विभाग के ग्रामीण सफाईकर्मियों की 16 वर्षों से लंबित प्रोन्नति, सेवा नियमावली एवं सम्मानजनक कार्य-स्थितियों की माँग को लेकर सीएम योगी को चिट्ठी लिखी है।
चंद्रशेखर आजाद ने अपने पत्र में लिखा कि उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज विभाग में एक लाख से अधिक ग्रामीण सफाईकर्मी पिछले 16 वर्षों से कार्यरत हैं जो काफी विषम परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि वर्ष 2008 में स्थायी रूप से तैनात इन कर्मियों को आज तक न तो कोई पदोन्नति मिली है, न ही सेवा से जुड़ी कोई स्पष्ट नियमावली बनाई गई है। यह न केवल एक प्रशासनिक चूक है, बल्कि श्रमिक सम्मान और मानवीय गरिमा के विरुद्ध भी है।
नगीना सांसद चंद्रशेखर ने इन्हीं ग्रामीण सफाईकर्मचारियों की समस्याओं को लेकर अपने पत्र में आवाज उठाई है। अपने पत्र में उन्होंने इन्हीं कर्मचारियों की कुछ प्रमुख समस्याओं को उजागर किया है।
पत्र में नगीना सांसद ने इन कर्मचारियों से संबंधित करीब छह समस्याओं का उल्लेख किया है इनमें:
- 16 वर्षों में एक भी पदोन्नति नहीं।
- ACP (Assured Career Progression) जैसी योजनाओं से वंचित ।
- झाडू, चूना, फावड़ा, पंजा जैसे उपकरण तक स्वयं खरीदने को विवश।
- साफ-सफाई के बाद साबुन-तौलिया जैसे आवश्यक वस्त्र भी विभाग नहीं देता, जबकि नियम हैं।
- आज भी "झाडू वाला" या "कूड़ा उठाने वाला" जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया जाता है।
- कोविड महामारी के दौरान जान जोखिम में डालकर कार्य करने वालों को अब तक फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा नहीं मिला।
अपने पत्र में उन्होंने यह भी बताया कि पंचायतीराज मंत्री माननीय ओमप्रकाश राजभर द्वारा 20 दिसंबर 2024 को गठित चार सदस्यीय समिति ने पदोन्नति के लिए स्पष्ट सिफारिशें दी थीं जिसमें इंटरमीडिएट पास सफाईकर्मियों को "सफाई पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नत किया जाए। उन्होंने बताया कि समिति ने यह भी माना कि इससे न सरकार पर बोझ बढ़ेगा, न व्यवस्था पर असर पड़ेगा बल्कि कार्यकुशलता, मनोबल और सामाजिक सम्मान तीनों बढ़ेंगे। लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट को आज तक लागू नहीं किया।
भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के मुखिया ने ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों का भी पत्र में उल्लेख किया है
- ग्रामीण सफाईकर्मियों के लिए सेवा नियमावली तत्काल बनाई जाए।
- इंटरमीडिएट पास सफाईकर्मियों की पदोन्नति प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
- ACP एवं अन्य सेवा लाभों को शीघ्र प्रभाव से लागू किया जाए।
- कोविड काल के कार्य हेतु फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा और सम्मान राशि दी जाए।
- सफाई उपकरणों की उपलब्धता विभाग सुनिश्चित करे, अथवा उसकी राशि सीधे खातों में भेजी जाए।
- सफाईकर्मियों को सम्मानजनक पदनाम दिया जाए, जिससे उनकी सामाजिक गरिमा बढ़े।
इसके साथ ही उन्होंने अपने पत्र में सीएम योगी से कहा कि "स्वच्छ भारत" के असली वाहक यदि स्वयं विभागीय उपेक्षा, असम्मान और अन्याय के शिकार हों, तो यह केवल शासन की विफलता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की घोर अनदेखी है।
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