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भालुओं के हमले से कांपा राजस्थान का ये गांव!10 मिनट तक जिंदगी की जंग लड़ता रहा युवक, बचाने आए भाई पर भी टूट पड़े जानवर

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राजसमंद में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भीम उपखंड के मंडावर गांव में आज दो भालुओं के हमले में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। भालुओं से उसे बचाते समय युवक का भाई भी घायल हो गया। भालुओं के हमले में घायल युवक को लहूलुहान हालत में देवगढ़ के राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। सरपंच प्यारी कुमारी (व्यवस्थापक) के अनुसार मंडावर गांव के आबादी क्षेत्र में आज सुबह करीब 6 बजे दो भालुओं ने पिथरा खजूरिया निवासी नारायण सिंह (43) पुत्र सोहन सिंह पर अचानक हमला कर दिया। भालुओं के पंजों से वह बुरी तरह घायल हो गया। इस दौरान भालुओं से नारायण सिंह को बचाते समय उसका भाई भंवर सिंह भी घायल हो गया।

नारायण सिंह अपने भाई भंवर सिंह के घर पीने का पानी लेकर जा रहा था। उसके भाई का घर 100 मीटर की दूरी पर था, नारायण सिंह अभी अपने भाई के घर के बाहर पहुंचा ही था कि अचानक भालुओं ने पीछे से उस पर हमला कर दिया। भालुओं और नारायण सिंह के बीच करीब 10 मिनट तक संघर्ष चलता रहा। उसके बाद चीख पुकार सुनकर भाई भंवर सिंह बाहर आया और अपने भाई को बचाने के लिए कंटीली झाड़ियों से भालू पर हमला कर दिया, जिससे भालू जंगल की ओर चला गया। इस दौरान नारायण सिंह के भाई को भी भालू का पंजा लग गया। नारायण सिंह को देवगढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके शरीर पर कुल 40 टांके आए, जिसमें सिर पर 30 टांके, दोनों हथेलियों पर गंभीर चोटें, बगल, पीठ, पैर समेत पूरे शरीर पर भालू के पंजों के गहरे घाव हैं।

अस्पताल में उपचार के बाद नारायण सिंह को छुट्टी दे दी गई। हमले से दोनों भाई नारायण सिंह और भंवर सिंह तथा उनका पूरा परिवार गहरे सदमे में है। मंडावर सरपंच (व्यवस्थापक) प्यारी कुमारी ने बताया कि पूरे गांव में दहशत का माहौल है। पैंथर की चहलकदमी से ग्रामीण पहले ही डरे हुए थे, अब भालू के हमले के बाद ग्रामीणों में भय व्याप्त है। वहीं प्यारी कुमारी ने आबादी में जंगली जानवरों की चहलकदमी रोकने के लिए ठोस कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों से सुबह, शाम और रात को अकेले बाहर न निकलने और पूरी सतर्कता बरतने की अपील की गई है। कुछ दिन पहले गोरमघाट और केरुंडाकी नाल के जंगलों में आग लग गई थी जिससे जंगल का बड़ा हिस्सा जलकर नष्ट हो गया था, जिसके बाद जंगली जानवरों का मूवमेंट आबादी की ओर बढ़ गया था। गांव में लगातार तेंदुए की मूवमेंट जारी है। इस घटना के बाद कामलीघाट के रेंजर ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना और घटनास्थल का निरीक्षण किया।

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