राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्रियों का खेल चल रहा है। ऐसे में इस खेल का पर्दाफाश मंगलवार (29 जुलाई) को राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने किया। किरोड़ी लाल मीणा अपनी टीम के साथ आए और 200 से ज़्यादा अभ्यर्थियों की कॉपियाँ ज़ब्त कर लीं। साथ ही, किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी की जाँच पर सवाल उठाते हुए कहा कि एसओजी तमाशा कर रही है और यह तमाशा अब नहीं चलेगा। इस बारे में मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी।
एसओजी ने जाँच अधूरी छोड़ दी
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि एसओजी की टीम एक बार यहाँ आई और चली गई। लेकिन फर्जी डिग्रियों का खेल जारी है। एसओजी तमाशा कर रही है, फर्जी डिग्रियों का खेल नहीं चलेगा। एसओजी ने अपनी जाँच अधूरी छोड़ दी। मामले में कृषि विभाग द्वारा मामला दर्ज कराया जाएगा। इस मामले की जाँच जयपुर स्तर से की जा रही है। मामला उच्च शिक्षा से जुड़ा है। आपको बता दें, साल 2024 में एसओजी ने विश्वविद्यालय के डीन कौशल किशोर चंद्रुल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद भी विश्वविद्यालय में पैसे लेकर डिग्रियाँ बाँटने का आरोप है।
छात्र की शिकायत में खुलासा
बताया जा रहा है कि मेवाड़ विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्रियों का खेल तब सामने आया जब बीकानेर के स्वतंत्र बिश्नोई नाम के एक छात्र ने कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा से शिकायत की। वह कॉमर्स का छात्र है और 12वीं पास कर चुका है। उसने बताया कि एक दलाल ने उसे कृषि डिप्लोमा का प्रमाण पत्र दिलाने का वादा किया था। इसके लिए उसने 50 हज़ार रुपये लिए। जब स्वतंत्र को प्रमाण पत्र दिया गया, तो उस पर लिखा था कि वह 66 प्रतिशत अंकों से पास हुआ है।
फर्जी डिग्रियों का खेल साल 2024 में सामने आया
बताया जा रहा है कि साल 2024 में जब एसओजी ने विश्वविद्यालय में छापा मारा था, तब खुलासा हुआ था कि नोएडा स्थित विश्वविद्यालय परिसर में सैकड़ों छात्रों को मोटी रकम लेकर फर्जी डिग्रियाँ बाँटी गई थीं। पूछताछ के दौरान डीन कौशल किशोर ने कबूल किया था कि उसने पिछले 5 वर्षों में ऐसे सैकड़ों फर्जी प्रमाण पत्र वितरित किए हैं।
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