राजस्थान के जैसलमेर जिले में 14 अक्टूबर को हुए भीषण बस अग्निकांड ने एक और परिवार को गमगीन कर दिया। हादसे में झुलसे पीर मोहम्मद ने मंगलवार को जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
 पीर मोहम्मद पिछले 14 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे, लेकिन मंगलवार को उन्होंने आखिरकार हार मान ली। इसके साथ ही हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है।
पीर मोहम्मद जैसलमेर जिले की बम्बरो की ढाणी का रहने वाला था। वह उस बस में सवार था जो 14 अक्टूबर को ट्रक से टकराने के बाद आग की लपटों में घिर गई थी। हादसे के बाद पीर मोहम्मद गंभीर रूप से झुलस गया था और उसे तत्काल जयपुर रेफर किया गया था।
 डॉक्टरों ने बताया कि उसके शरीर का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा जल गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और मंगलवार को उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
पीर मोहम्मद की मौत की खबर मिलते ही उसके गांव में मातम छा गया। परिजनों ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वह ठीक होकर लौटेगा, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। गांव के लोगों ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की मांग की।
हादसे ने ली 29 जिंदगियाँगौरतलब है कि 14 अक्टूबर को जैसलमेर से जा रही एक बस ट्रक से टकराने के बाद आग की लपटों में घिर गई थी। हादसा इतना भीषण था कि कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कुछ को गंभीर हालत में जोधपुर और जयपुर रेफर किया गया था।
 उस समय आग बुझाने में दमकल कर्मियों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी थी। हादसे में मृतकों में अधिकतर स्थानीय मजदूर और छात्र शामिल थे।
हादसे के बाद प्रशासन और परिवहन विभाग ने जांच शुरू की थी। प्रारंभिक रिपोर्ट में बस की ओवरस्पीड और तकनीकी खराबी को हादसे का कारण बताया गया है।
 विभाग अब यह जांच कर रहा है कि क्या बस में अग्निशमन उपकरण, इमरजेंसी एग्जिट और सुरक्षा मानक पूरे किए गए थे या नहीं।
राज्य सरकार ने पीर मोहम्मद की मौत पर गहरा शोक जताया है। जिला प्रशासन ने बताया कि पीड़ित परिवार को राज्य आपदा राहत कोष से सहायता राशि दी जाएगी। साथ ही, सरकार ने घायलों के समुचित इलाज के निर्देश जारी किए हैं।
सबक छोड़ गया यह हादसायह दर्दनाक घटना न केवल प्रशासन और ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए चेतावनी है, बल्कि यात्रियों के लिए भी सबक है कि सुरक्षा मानकों से समझौता किसी भी सूरत में जानलेवा साबित हो सकता है।
 स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि परिवहन विभाग बसों की नियमित जांच कराए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों।
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