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सात दिन के आंदोलन के बाद परिजनों और सरकार में बनी सहमति, डॉ. राकेश बिश्नोई सुसाइड केस में शांत हुआ तनाव

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एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर के रेजीडेंट डॉक्टर राकेश विश्नोई की आत्महत्या मामले में सात दिन से चल रहा धरना समाप्त हो गया है। मृतक डॉक्टर के परिजनों और राजस्थान सरकार के बीच शुक्रवार को समझौता हो गया, जिसके बाद सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी के बाहर चल रहा धरना समाप्त हो गया। शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव नागौर के लिए रवाना हो गए हैं। धरना समाप्त होने से पहले सांसद हनुमान बेनीवाल और उनके समर्थक एसएमएस अस्पताल के बाहर डटे रहे। भारी बारिश के बीच भी धरना जारी रहा। हालात को देखते हुए पुलिस ने मोर्चरी को टोंक रोड से जोड़ने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी थी। मुख्यमंत्री आवास घेरने की योजना थी, लेकिन वार्ता के बाद इसे स्थगित कर दिया गया। 

इन विषयों पर हुई वार्ता
कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल और राज्य मंत्री के साथ हुई वार्ता में मृतक डॉक्टर की पत्नी को सरकारी नौकरी देने, आरोपी विभागाध्यक्ष (एचओडी) डॉ. राजकुमार राठौड़ को एपीओ करने, मामले की उच्च स्तरीय जांच आईएएस स्तर के अधिकारी से कराने और मुआवजे के लिए कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि एचओडी ने 15 दिन की छुट्टी ले ली है।

डॉ. राकेश विश्नोई ने 13 जून को जोधपुर में जहरीला पदार्थ खा लिया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया, जहां 14 जून को उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि उनके एचओडी डॉ. राठौड़ उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे। यही प्रताड़ना आत्महत्या का कारण बनी।

डॉ. विश्नोई का परिवार 7 दिन से एसएमएस अस्पताल के बाहर बैठा
डॉ. विश्नोई का परिवार, समाजसेवी और राजनीतिक प्रतिनिधि पिछले 7 दिन से एसएमएस अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे थे। पांच दिन पहले कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। सरकारी जांच कमेटी 45 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से भी आंतरिक समीक्षा की जाएगी।

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