आध्यात्मिक शिक्षा और मानव मूल्य आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने वाली संस्था “आध्यात्मिक विद्यापीठ” ने शहर के युवा समाजसेवी प्रवीण श्रीमाल को जिला समन्वयक नियुक्त किया है। यह नियुक्ति संस्था के कुलाधिपति डॉ. स्वामी गुरुकुलानंद कच्चाहारी महाराज की अनुशंसा पर की गई।
विशेष बात यह रही कि यह मनोनयन भारत के उत्तराखंड राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया, जिससे कार्यक्रम का आध्यात्मिक और राष्ट्रीय महत्व और भी बढ़ गया।
उत्तराखंड की राष्ट्रीयकृत शिक्षण संस्था के तत्वावधान में हुआ समारोह
कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड की राष्ट्रीयकृत शिक्षण संस्था के तत्वावधान में किया गया, जिसमें देशभर से शिक्षाविद्, समाजसेवी और धार्मिक गुरुओं ने भाग लिया। समारोह में “आध्यात्मिकता और शिक्षा के समन्वय” विषय पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
इस मौके पर डॉ. स्वामी गुरुकुलानंद कच्चाहारी महाराज ने कहा —
“प्रवीण श्रीमाल जैसे युवा ही देश के नैतिक और सांस्कृतिक उत्थान के आधार हैं। उनका समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान उल्लेखनीय है, इसलिए उन्हें जिला समन्वयक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।”
प्रवीण श्रीमाल का योगदान
प्रवीण श्रीमाल लंबे समय से शिक्षा, पर्यावरण और सामाजिक जागरूकता से जुड़े अभियानों में सक्रिय हैं। उन्होंने शहर में युवाओं को नशा मुक्ति, योग और आध्यात्मिक जीवनशैली की ओर प्रेरित करने के लिए कई जनजागरण कार्यक्रम चलाए हैं।
अब बतौर जिला समन्वयक, वे संस्था के कार्यों का विस्तार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में करेंगे, साथ ही युवाओं को मानवता, सेवा और सदाचार के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण शिविरों का संचालन करेंगे।
कार्यक्रम में हुई आध्यात्मिक चर्चा
समारोह के दौरान आध्यात्मिक विद्यापीठ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि संस्था का उद्देश्य भारतीय परंपरा, वेदांत दर्शन और आधुनिक शिक्षा के समन्वय से नई पीढ़ी को जीवन मूल्यों से जोड़ना है।
कार्यक्रम में गीता, उपनिषद और योग के व्यावहारिक महत्व पर प्रवचन हुए। वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में शिक्षा का लक्ष्य केवल नौकरी पाना नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और आत्मबोध होना चाहिए।
स्थापना दिवस की भावना से जुड़ा संदेश
उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह उत्तराखंड ने प्रकृति, अध्यात्म और संस्कृति के बीच संतुलन बनाया है, उसी प्रकार समाज को भी आध्यात्मिकता और विकास के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है।
प्रवीण श्रीमाल ने व्यक्त किया आभार
जिला समन्वयक बनाए जाने पर प्रवीण श्रीमाल ने कहा —
“यह मेरे लिए सम्मान के साथ एक जिम्मेदारी भी है। मैं संस्था की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने और युवाओं में संस्कार, अनुशासन व आध्यात्मिकता के भाव को जगाने का प्रयास करूंगा।”
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