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सतत और जलवायु अनुकूल खेती की दिशा में पहल — वाटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट ने किसानों का एक्सपोजर विजिट कराया

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सतत और जलवायु अनुकूल खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वाटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट (WOTR) थाना की ओर से एसडीएफसी बैंक सीएसआर के समग्र ग्राम विकास कार्यक्रम के तहत किसानों का एकदिवसीय एक्सपोजर विजिट आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम राज डेयरी फार्म, खड़गदा में संपन्न हुआ।

किसानों को सिखाई आधुनिक खेती की तकनीकें

इस विजिट में थाना ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायतों से आए किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने किसानों को सतत कृषि, जैविक खेती, जल संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य सुधार और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के उपायों की जानकारी दी।
फार्म पर किसानों को मल्टी-क्रॉपिंग सिस्टम, ड्रिप सिंचाई तकनीक, ऑर्गेनिक फर्टिलाइज़र का उपयोग और पशुपालन के आधुनिक तौर-तरीकों का प्रत्यक्ष प्रदर्शन दिखाया गया।

विशेषज्ञों ने दी व्यवहारिक जानकारी

राज डेयरी फार्म के संचालक राजेंद्र सिंह ने किसानों को बताया कि पारंपरिक खेती के साथ-साथ यदि किसान डेयरी और जैविक खाद उत्पादन को अपनाएं, तो आय में दोगुना तक इजाफा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा —

“पर्यावरण के अनुकूल खेती न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है बल्कि पानी की बचत और फसल की गुणवत्ता में भी सुधार लाती है।”

वहीं, वाटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट के परियोजना समन्वयक श्री नरेंद्र चौहान ने बताया कि किसानों को बदलते मौसम और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार फसल चक्र (Crop Rotation) और स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट अपनाना चाहिए।

एसडीएफसी बैंक की सीएसआर पहल

एसडीएफसी बैंक के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित समग्र ग्राम विकास योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करना और संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना है।
इस योजना के तहत किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, जैविक खेती के साधन, और माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

महिलाओं की भागीदारी भी रही उल्लेखनीय

कार्यक्रम में महिला किसानों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्हें किचन गार्डनिंग, डेयरी प्रबंधन और जैविक खाद निर्माण की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि महिलाओं की भागीदारी से परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वे घरेलू स्तर पर भी पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकती हैं।

किसानों ने लिया संकल्प

कार्यक्रम के अंत में सभी किसानों ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए सतत खेती और संसाधनों के संरक्षण का संकल्प लिया। किसानों ने कहा कि वे अपने गांव लौटकर इस मॉडल को अपनाएंगे और अन्य किसानों को भी प्रेरित करेंगे।

परियोजना के लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था तक

वाटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस तरह के एक्सपोजर विजिट का उद्देश्य किसानों को व्यवहारिक ज्ञान के साथ प्रेरणा देना है।

“जब किसान स्वयं परिणाम देखते हैं, तभी वे नई तकनीकें अपनाने के लिए तैयार होते हैं,”
उन्होंने कहा।

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