जयपुर समेत चार शहरों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध के इस बार जुलाई में छलकने की संभावना कमजोर पड़ गई है। मानसून की बेरुखी ने बांध के छलकने की उम्मीदों को झटका दिया है। त्रिवेणी में पानी की आवक कम होने से बांध में पानी की आवक अब कछुआ चाल से हो रही है। निर्माण के बाद से बांध सात बार छलक चुका है, जिसमें से छह बार अगस्त में और एक बार सितंबर में बांध के गेट खोलने पड़े।
बंपर बारिश हुई तो छलकेगा बांध
इस बार राज्य में तय समय से पहले मानसून के प्रवेश के साथ ही पहली बार जून माह में बीसलपुर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में पानी की बंपर आवक दर्ज की गई। मानसून के सक्रिय होते ही भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिलों में हुई भारी बारिश के कारण पहली बार जून-जुलाई में ही त्रिवेणी संगम पर पानी का प्रवाह 7 मीटर से अधिक दर्ज किया गया। जिसके चलते बांध में पानी की आवक भी तेज़ी से दर्ज की गई। वहीं, जल संसाधन विभाग के अधिकारी एक-दो बार तेज़ बारिश का दौर आने पर बांध के छलकने की उम्मीद जता रहे हैं।
पिछले 24 दिनों में 1.43 मीटर बढ़ा जलस्तर
16 जून को बीसलपुर बांध का जलस्तर 312.45 आरएल मीटर दर्ज किया गया था, जबकि मानसून के प्रवेश के साथ ही बांध के जलग्रहण क्षेत्र के आसपास हुई भारी बारिश से बांध में पानी की आवक भी शुरू हो गई। बुधवार सुबह बांध का जलस्तर 313.88 आरएल मीटर दर्ज किया गया। इस हिसाब से पिछले 24 दिनों में बांध का जलस्तर 1.43 मीटर बढ़ा है। पिछले 12 घंटों में बांध का जलस्तर दो सेंटीमीटर बढ़ा है, जबकि त्रिवेणी में पानी का बहाव अब 2.80 मीटर दर्ज किया गया है।
जुलाई में छलकेगा तो बनेगा अनोखा रिकॉर्ड
बीसलपुर बांध के निर्माण की आधारशिला वर्ष 1985 में रखी गई थी और बांध 1996 में बनकर तैयार हुआ था। निर्माण पूरा होने के बाद से वर्ष 2024 तक बांध छह बार अगस्त में और एक बार सितंबर में छलक चुका है। इस बार अगर एक-दो बार और भारी बारिश हुई तो जुलाई में बांध छलक सकता है। अगर बांध जुलाई में छलकता है तो यह पहली बार एक नया रिकॉर्ड होगा। हालाँकि, मानसून सीजन के अभी लगभग ढाई महीने बाकी हैं। ऐसे में बांध के छलकने की पूरी उम्मीद है।
बीसलपुर बांध परियोजना: तथ्य फ़ाइल
बांध की आधारशिला 1985 में रखी गई थी
बांध का निर्माण 1987 में शुरू हुआ
बांध 1996 में बनकर तैयार हुआ
लागत 832 करोड़ रुपये
जल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर
कुल जल भराव क्षमता 38.708 टीएमसी पानी भरा गया
बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है
निर्माण के बाद पहली बार 2004 में गेट खोले गए
बांध 2006 में दूसरी बार ओवरफ्लो हुआ
2014 में तीसरी बार गेट खोले गए
बांध के गेट 2016 में भी खोले गए
2019 में बांध के 17 गेट खोले गए
बांध 2022 में भी ओवरफ्लो हुआ
बांध 2024 में सातवीं बार ओवरफ्लो हुआ
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