मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट के आदेश के बाद, कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस फैसले को लेकर कहा कि "हिंदू आतंक कभी हो नहीं सकता"। मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि इस फैसले ने उन लोगों की जुबान और चेहरे पर तमाचा मारा है, जिन्होंने हिंदू आतंकवाद के नाम पर हिंदू समाज को बदनाम करने का प्रयास किया।
पटेल ने कहा, "साध्वी प्रज्ञा और अन्य निर्दोष लोगों को जानबूझकर फंसाया गया है। यह एक साजिश का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज की छवि को नुकसान पहुंचाना था।" उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू स्वभाव से शांतिप्रिय होते हैं और उनके कर्म और संस्कार भी शांति और अहिंसा के हैं।
मंत्री ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में अदालत के फैसले के बाद इसे एक ऐतिहासिक कदम करार दिया और कहा कि यह साबित हो गया है कि आरोपों के बावजूद इन निर्दोष लोगों को किसी तरह की आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने का कोई आधार नहीं था। पटेल ने दावा किया कि यह फैसला भाजपा सरकार के नेतृत्व में सच्चाई की जीत है और इससे हिंदू समाज की गरिमा भी बहाल हुई है।
इस बयान के बाद मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष और कुछ समाज विरोधी तत्वों ने जानबूझकर इस मामले को बढ़ाया और समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की। अब, इस फैसले के बाद, उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे से ऐसी निंदनीय कोशिशों को विफल किया जाएगा। मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले के बाद सत्ताधारी दलों और विपक्ष के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
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