भरतपुर संभाग का सबसे बड़ा केंद्रीय बस स्टैंड इन दिनों जोखिम भरा बन गया है। यह जर्जर इमारत कभी भी हादसे का कारण बन सकती है। केंद्रीय बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग 30 हजार यात्रियों का आवागमन होता है। झालावाड़ हादसे के बाद अब सरकार और प्रशासन हरकत में आया है। रविवार को रोडवेज मुख्यालय की टीम ने जगह का निरीक्षण किया और बस स्टैंड को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने की योजना बनाई।
हीरादास केंद्रीय बस स्टैंड स्थित कार्यालय जर्जर हालत में
हीरादास केंद्रीय बस स्टैंड स्थित कार्यालय जर्जर हालत में है। इसकी छत क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। छत से कंक्रीट के टुकड़े गिर रहे हैं। इससे कई यात्री बाल-बाल बच गए हैं।
केंद्रीय बस स्टैंड पर दिनभर रहती है भीड़
केंद्रीय बस स्टैंड पर दिनभर लोगों की भीड़ रहती है। छत की मरम्मत का काम न होने से यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है। बस स्टैंड भवन की छत जर्जर हो चुकी है। दीवारों में जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं, जिससे यह गिरने के कगार पर है। वर्तमान भवन की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह भवन कभी भी गिर सकता है। बहरहाल, अब यहाँ यात्रियों की आवाजाही रोक दी गई है, ताकि यहाँ आने वाले यात्री सुरक्षित रह सकें। रविवार को बस स्टैंड की जोनल मैनेजर अनीता बड़सीवाल ने भरतपुर जोन की ओर से सिविल शाखा के कनिष्ठ अभियंता जितेंद्र यादव के साथ हीरादास बस स्टैंड के भवन का निरीक्षण किया।
क्षतिग्रस्त क्षेत्र में बैरिकेड्स लगाने के निर्देश
इस दौरान, बस स्टैंड की छत कई स्थानों पर जर्जर अवस्था में होने के कारण, रोडवेज प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना में, यात्रियों की सुरक्षा के लिए, क्षतिग्रस्त क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर दी गई और यात्रियों को वहाँ जाने से रोककर किसी भी प्रकार की आवाजाही नहीं होने दी गई।
कार्यशाला से चलेंगी बसें - राकेश सैनी
लोहागढ़ डिपो के मुख्य प्रबंधक राकेश सैनी ने बताया कि रोडवेज मुख्यालय की टीम ने रविवार को निरीक्षण कर बस संचालन के लिए स्थान देखा। संभावना है कि असुरक्षित भवन को देखते हुए अब बसों का संचालन कार्यशाला से किया जाएगा। यहां बुकिंग विंडो बनाकर यात्रियों को यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी। बहरहाल, टीम सोमवार को जयपुर पहुँचकर अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपेगी।
यात्रा पर एक नज़र
1- प्रतिदिन 350-400 बसों का संचालन।
2- लोहागढ़ और भरतपुर डिपो की 150 बसें।
3- जयपुर-अलवर आदि से 40-50 वाहन आते हैं।
4- उत्तर प्रदेश और हरियाणा से 100-150 वाहन आते हैं।
5- प्रतिदिन 30 हज़ार यात्रियों की आवाजाही।
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