सोमवार को एसीबी ने राजस्थान में एक और बड़ी ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस बार ट्रैप कार्रवाई सवाई माधोपुर जिले की गंगापुर सिटी तहसील में की गई है। एसीबी ने तहसील में यूडीसी और दलाल वकील को 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, तहसील कार्यालय में तैनात तहसीलदार और अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है, जिसकी जांच की जा रही है।
जमीन की रजिस्ट्री कराने की एवज में मांगी रिश्वत
सवाई माधोपुर एएसपी ज्ञान सिंह ने बताया कि परिवादी ने शिकायत की थी कि जमीन की रजिस्ट्री कराने की एवज में करीब एक लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। एसीबी के अनुसार, गंगापुर सिटी कार्यालय में वरिष्ठ सहायक जय शर्मा (यूडीसी) और हरिप्रसाद उर्फ सोनू एडवोकेट ने परिवादी से गांव चूली में खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री कराने की एवज में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी और जय बाबू से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
75 हजार रुपए की रिश्वत पर हुआ समझौता
13 जून को जब रिश्वत की मांग का गोपनीय सत्यापन कराया गया तो वरिष्ठ सहायक जय शर्मा ने हरिप्रसाद एडवोकेट के जरिए परिवादी राजू मेहरा से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। बाद में 75 हजार रुपए पर समझौता हो गया। इसके बाद एसीबी ने यूडीसी जय शर्मा और दलाल वकील हरि प्रसाद उर्फ सोनू शाक्यवार को 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
तहसीलदार भी जांच के घेरे में
एसीबी की कार्रवाई के दौरान तहसीलदार ब्रजेश सिहरा भी अंदर मौजूद थे। गंगापुर सिटी के तहसीलदार और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी एसीबी द्वारा जांच की जा रही है। एसीबी ने बताया कि तहसील कर्मचारियों के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं। जिसके बाद लंबी जांच के बाद सोमवार को ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
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