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एम्बुलेंस बनी डिलीवरी रूम! रास्ते में महिला ने दिया बेटी को जन्म,मां और नवजात दोनों सुरक्षित

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चित्तौड़गढ़ जिले के सांवता गांव की काली बाई ने एंबुलेंस में ही स्वस्थ बेटी को जन्म दिया है। काली बाई को अचानक तेज प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को फोन किया। एंबुलेंस समय पर पहुंची और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में महिला की प्रसव पीड़ा तेज हो गई। एंबुलेंस में मौजूद स्टाफ ने सूझबूझ दिखाते हुए वहीं सुरक्षित प्रसव करवाया। मां और बेटी दोनों स्वस्थ हैं।

सुबह शुरू हुई प्रसव पीड़ा
सांवता गांव निवासी काली बाई को सोमवार सुबह अचानक तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। परिजनों ने बिना देरी किए 108 एंबुलेंस सेवा को फोन कर मदद के लिए बुलाया। सुबह 11:26 बजे कॉल आई और कुछ ही देर में 11:43 बजे एंबुलेंस उनके घर पहुंच गई। काली बाई का पहले से ही 2 साल का बेटा है और अब यह उसका दूसरा बच्चा है। उसका पति रमेश भील मजदूरी कर परिवार का गुजारा करता है। सीमित संसाधनों और साधनों के बावजूद परिवार ने प्रसव के लिए 108 एंबुलेंस सेवा पर भरोसा किया और अस्पताल पहुंचने का प्रयास किया।

रास्ते में दर्द बढ़ा, प्रसव कराने का लिया निर्णय
एंबुलेंस में मौजूद 108 सेवा के कर्मचारी सुखदेव बैरवा व कालूलाल ने जैसे ही महिला की हालत देखी, उन्हें स्थिति की गंभीरता का अहसास हुआ। चित्तौड़गढ़ जिला अस्पताल की दूरी व समय को देखते हुए उन्होंने तुरंत निर्णय लिया कि एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराना होगा। 11:55 बजे काली बाई ने रास्ते में ही स्वस्थ बेटी को जन्म दिया। बच्ची का वजन 2800 ग्राम है।

मां व बच्चा दोनों स्वस्थ हैं
प्रसव के तुरंत बाद एंबुलेंस स्टाफ ने प्राथमिक उपचार सुनिश्चित किया और मां व बच्चे को सुरक्षित जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें भर्ती कर लिया गया। डॉक्टर ने दोनों को पूरी तरह स्वस्थ बताया है। अस्पताल प्रशासन ने भी एंबुलेंस स्टाफ की प्रशंसा करते हुए उनका आभार जताया।

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