Next Story
Newszop

भारी बारिश से लबालब होने वाला है राजस्थान का ये बांध, एक बार फिर छलकने के करीब पहुंचा डेम

Send Push

जिले का सबसे बड़ा जसवंत सागर बांध एक बार फिर किसानों की उम्मीदों का केंद्र बन गया है। पिछले साल यह बांध लबालब भर गया था और कई दिनों तक चादर बहती रही थी। इस साल भी शुरुआती दौर की बारिश में ही बांध में 7 फीट 8 इंच पानी की आवक हो चुकी है।

किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में फिर से चादर बहेगी और उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। इधर, जसवंत सागर में पानी की लगातार आवक को देखते हुए सिंचाई विभाग भी तैयारियों में जुटा है। अधिकारियों द्वारा बांध की लगातार निगरानी की जा रही है, ताकि चादर बहने की स्थिति में पानी का उचित नियंत्रण और वितरण सुनिश्चित किया जा सके।

अरावली की गोद से आता है पानी
जसवंत सागर बांध में पानी की मुख्य आवक अरावली पर्वत श्रृंखला के नागपहाड़ क्षेत्र से होती है। यह पानी पुष्कर, नांद, गोविंदगढ़, रियां, आलनियावास, लांबिया, कालू, बडूंदा और निंबोल होते हुए यहां पहुंचता है। इस मार्ग पर लीलड़ी नदी और कई स्थानीय नदियाँ और नाले मिलते हैं, जो बिराटिया और गिरि बाँधों को भी भरते हैं।

इस स्थान से जसवंत सागर में पानी गिरता है
इस पूरी प्रणाली में बिराटिया नदी सबसे प्रमुख है, जिसका पानी रामदेव मेला स्थल, धूलकोट और हाजीवास गाँवों से बहकर लीलड़ी में मिल जाता है। ये तीनों नाले आपस में मिलकर आसरलाई, पिपलियाँ, बांजाकुड़ी और बिरोल गाँवों से होकर निम्बोल में संगम बनाते हैं और यहाँ से जसवंत सागर में गिरते हैं।

जसवंत सागर बाँध मारवाड़ रियासत के समय का है
जसवंत सागर बाँध का निर्माण वर्ष 1889 में मारवाड़ रियासत के महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय ने करवाया था। यह लूनी नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है। इसकी भराव क्षमता 1865 मिलियन घन फीट है, जबकि इसका जलग्रहण क्षेत्र लगभग 1300 वर्ग मील में फैला हुआ है। पंचायत समिति की देखरेख में इस क्षेत्र में 34 एनीकट, 13 खड़ीन और 31 अन्य जल संरचनाएँ हैं। जसवंत सागर 13 गाँवों के लगभग 4574 किसानों की 28,692.70 बीघा भूमि की सिंचाई करता है।

जसवंत सागर बाँध कब ओवरफ्लो हुआ?
1979: पहली बार पानी ओवरफ्लो हुआ और एक बाँध टूट गया।
1983: पानी चार फीट ऊपर बह गया।
1995: बाँध फिर से ओवरफ्लो हुआ।


1997: 17.20 फीट पानी आया।
1999: रिकॉर्ड 20.45 फीट पानी आया।

2000: ढाई फीट पानी आया।
2007: पानी ओवरफ्लो हुआ और बाँध का एक हिस्सा फिर से टूट गया।
2017 और 2024 में भी पानी ओवरफ्लो हो चुका है।

Loving Newspoint? Download the app now