सावन का पवित्र महीना खास तौर पर भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दौरान देशभर के मंदिरों में भोलेनाथ के भक्तों का तांता लगा रहता है। अगर आप सावन में अजमेर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां स्थित भगवान शिव को समर्पित कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना न भूलें। अगर आप सावन के महीने में अजमेर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध मंदिरों को अपनी यात्रा में शामिल कर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में इन मंदिरों के दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कोटेश्वर महादेव मंदिर
अजमेर के हाथी खेड़ा गांव में स्थित प्राचीन मराठाकालीन कोटेश्वर महादेव मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र है। मंदिर के पुजारी विनोद कुमार शर्मा के अनुसार सम्राट पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता शिवरात्रि के दिन इस मंदिर में पूजा करते थे।
नीलकंठ महादेव मंदिर
अजमेर के पुष्कर की नाग पहाड़ी पर प्राचीन नीलकंठ महादेव मंदिर है। यह मंदिर लंबे समय से बिना किसी नींव के खड़ा है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां भगवान नीलकंठ के दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जल चढ़ाने से सुख-समृद्धि आती है।
झरनेश्वर महादेव मंदिर
झरनेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना मराठा काल में हुई थी। यह मंदिर 400 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। पहले मंदिर तक पहुंचने का रास्ता कच्चा और कठिन था। लेकिन अब श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सीढ़ियां बना दी गई हैं। मंदिर तक पहुंचना आसान हो गया है।
अर्धचंद्रेश्वर महादेव मंदिर
अजमेर के नया बाजार रोड पर स्थित प्राचीन अर्धचंद्रेश्वर महादेव मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। सावन के महीने में यहां कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
जतोई दरबार
सावित्री चौराहे के पास नगीना बाग में स्थित यह अजमेर के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। सावन और शिवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
भगवान शिव को समर्पित अजमेर के प्रसिद्ध मंदिर
सावन का महीना शिव भक्ति में डूबने का सबसे अच्छा समय है। अगर आप अजमेर आ रहे हैं, तो इन प्रमुख शिव मंदिरों के दर्शन अवश्य करें। ये न केवल आपकी यात्रा को धार्मिक रूप से संपूर्ण बनाएंगे, बल्कि आपको आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का भी अनुभव होगा।
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