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सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बारे में बताई ये नई बात

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Getty Images सीडीएस जनरल अनिल चौहान (फ़ाइल फ़ोटो)

भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में की गई भारत की कार्रवाई के बारे में उसे पांच मिनट बाद ही बता दिया गया था.

सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी पुणे में मंगलवार को पर एक ख़ास लेक्चर में जनरल चौहान ने कहा, ''हमने जिस दिन ( 7 मई) हमला किया उसी दिन पाकिस्तान को इसके बारे में बता दिया था. हमने रात एक से डेढ़ के बीच हमला कया. इस ऑपरेशन के ख़त्म होने के पांच मिनट के बाद ही हमने पाकिस्तान को बताया कि हमने ये (हमला) किया है.''

जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सेना ने सीमा पार हमले के दौरान 'बहुत ही तर्कसंगत' तरीके से कार्रवाई की. 'सिर्फ़ आतंकी ठिकानों पर हमले किए और नागरिक और सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई से परहेज किया.'

भारत ने कश्मीर के पहलगाम में चरमपंथी हमले में 26 लोगों की हत्या के बाद पाकिस्तान स्थित 'आतंकवादी ठिकानों' पर हमले के लिए 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था.

जनरल चौहान ने कहा, ''हमने उनके (पाकिस्तान के) डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑरपरेशंस को बता दिया था कि हमारा हमला सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों पर हुआ है. इसमें सैन्य ठिकाने शामिल नहीं हैं. साथ ही हमने ये सुनिश्चित किया है कि कोई अतिरिक्त नुक़सान न हो, खास कर नागरिकों को.''

सिंगापुर में जनरल के बयान की क्यों थी चर्चा image MOHD RASFAN/AFP via Getty सीडीएस अनिल चौहान शांगरी-ला डायलॉग के दौरान सिंगापुर में

इससे पहले, जनरल चौहान ने पाकिस्तान के साथ मई महीने में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान भारत के लड़ाकू विमान गिराए जाने के सवालों पर जवाब दिया था. पिछले शनिवार को को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'ये ज़रूरी नहीं कि विमान गिराया गया, ज़रूरी ये बात है कि ऐसा क्यों हुआ.'

इसमें उन्होंने पाकिस्तान की ओर से छह विमानों को नुक़सान पहुंचने के दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया था.

जनरल चौहान के सिंगापुर में दिए गए इस इंटरव्यू की ख़ासी चर्चा हुई थी. कुछ विशेषज्ञों ने सीडीएस के बयान की आलोचना की थी तो कुछ ने 'पाकिस्तान के पक्ष में एक तरह का नैरेटिव गढ़ने' का आरोप लगाया था.

प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सीडीएस के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि ये सवाल (पाकिस्तान की ओर से भारतीय विमानों को मार गिराने के दावे के बारे में) तभी पूछे जा सकते हैं जब तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, "मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है. अब धीरे-धीरे तस्वीर साफ़ हो रही है. कांग्रेस पार्टी कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति से हमारी रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की मांग करती है."

जबकि सामरिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने सीडीएस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह ख़राब कूटनीति है.

पर लिखा था, "ख़राब सार्वजनिक कूटनीति. मोदी सरकार ने गैर-ज़रूरी तरीक़े से भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ को सिंगापुर भेजा, जहां उन्होंने रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में भारतीय लड़ाकू विमानों के नुक़सान को स्वीकार करके पाकिस्तान को प्रोपगेंडा विक्ट्री सौंप दी."

ब्रह्मा चेलानी ने लिखा "ऐसी स्वीकारोक्ति भारत की ज़मीन में की जानी चाहिए थी. साथ ही इस संघर्ष में पाकिस्तान को हुए नुक़सान के बारे में भारत को अपना आकलन बताना चाहिए."

उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा था प्रधानमंत्री मोदी ने समय से पहले सैन्य अभियान रोके जाने वाले नैरेटिव को रोकने के लिए रोड शो किए. लेकिन सीडीएस के बयान ने मोदी की कोशिशों को जटिल बना दिया है.

image BBC

वहीं रक्षा विशेषज्ञ सी उदय भास्कर ने कहा था कि सीडीएस ने बहुत ही उचित जवाब दिया है.

, "सीडीएस जनरल चौहान ने जो कहा वह बहुत उचित है. क्योंकि भारत के लिए यह नुक़सान से ज़्यादा एक सामरिक नुक़सान था. हम इसका सामना कैसे करते हैं यह महत्व रखता है. अगर आप उनके बयान को देखेंगे तो उन्होंने कहा है कि हमने किस तरह उन ग़लतियों और खामियों पर क़ाबू पाया जिनके कारण यह नुक़सान हुआ."

उदय भास्कर ने कहा था कि भारत ने इससे पहले भी प्रेस ब्रीफ़िंग में नुक़सान के बारे में बताया है. उन्होंने कहा था, "अगर आप सेना के ब्रीफ़िंग को याद करें तो एयर मार्शल एके भारती ने कहा था कि नुक़सान होगा लेकिन हमें अपने उद्देश्य देखने होंगे."

'ऑपरेशन सिंदूर' पर बयान देकर घिरे थे जयशंकर image ANI विदेश मंत्री एस जयशंकर ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बयान देते हुए

भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में 'पाकिस्तान को सूचना देने' के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर कांग्रेस पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए थे.

एस जयशंकर के बयान के बाद कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था, ''एस जयशंकर के बयान के कारण पाकिस्तान और पूरी दुनिया में हमारी हंसी उड़ रही है.''

एस जयशंकर के बयान पर हंगामा शुरू होने के बाद भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने सफाई दी.

पर एक पोस्ट में लिखा, "केंद्रीय मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है. पीआईबी फ़ैक्ट चेक ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे ऐसे दावों का पूर्व में खंडन किया है."

विदेश मंत्री एस जयशंकर पर राहुल गांधी के आरोपों के बाद बीजेपी ने कहा था कि राहुल गांधी का ट्वीट पूरी तरह से भ्रामक और ख़तरनाक है.

उन्होंने कहा था, "यह सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है और हमारे सशस्त्र बलों को बदनाम करने के लिए तथ्यों को ग़लत तरीके से पेश करता है.."

पत्रकारों के साथ बातचीत के एक वीडियो में कहते नज़र आ रहे हैं, "ऑपरेशन की शुरुआत में हमने पाकिस्तान को मैसेज भेजा था, जिसमें कहा था कि हम आतंकी ढांचों पर हमला कर रहे हैं. हम सेना पर हमला नहीं करेंगे. इसलिए सेना के पास एक विकल्प है कि वो इससे अलग रहें और इसमें दखल न दें. उन्होंने इस सलाह को न मानने का फ़ैसला किया."

'पाकिस्तान का 48 घंटे का ऑपरेशन आठ घंटे में ही नाकाम' image Getty Images भारतीय लड़ाकू विमानों की फ़ाइल फ़ोटो

जनरल अनिल चौहान ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में पाकिस्तान का ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस 10 मई को 'आठ घंटे में ही नाकाम हो गया'.

इससे "भारत को 48 घंटे में घुटने टेकने पर मजबूर करने के इस्लामाबाद के महत्वाकांक्षी लक्ष्य" को करारा झटका लगा.

उन्होंने कहा कि सैन्य संघर्ष में होने वाले नुकसान ऑपरेशन की ओर से निर्धारित नतीजों से ज्यादा अहम नहीं होते.

, ''10 मई को लगभग रात एक बजे शुरू किए गए पाकिस्तान के ऑपरेशन का लक्ष्य 48 घंटों में भारत को अपने घुटनों पर लाना था. उसकी ओर से कई हमले किए. उन्होंने इस संघर्ष को बढ़ा दिया जबकि हमने सिर्फ़ उनके आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे.''

उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान ने सोचा था कि ये 48 घंटे तक चलेगा, लगभग 8 घंटे में ही बंद हो गया. फिर उन्होंने टेलीफोन उठाया और कहा कि वे बात करना चाहते हैं.''

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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