भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में हवाई हमला किया है.
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया है कि इस हमले को 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया है.
इस बयान में कहा गया है कि, ''इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया है, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की योजना बनाई गई थी और उन्हें अंजाम दिया गया था."
बयान के मुताबिक़, "कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया है."
वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने बीबीसी को बताया है कि सात जगहों पर हमले हुए हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा है कि पाकिस्तान को 'जवाबी कार्रवाई का पूरा हक़ है.'

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद से बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे.
बीबीसी फ़िलहाल हमले वाली जगहों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर पाया है.
वहीं नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की ख़बरें हैं. भारतीय सेना का कहना है कि ''पाकिस्तान ने एक बार फिर संघर्ष-विराम समझौते का उल्लंघन किया है.''
भारतीय सेना ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के "पुंछ-राजौरी क्षेत्र के भीमबर गली में गोलीबारी की है.''
बयान में आगे कहा गया है कि "भारतीय सेना उचित तरीके़ से इसका जवाब दे रही है."
वहीं बीबीसी को पाकिस्तानी सेना के एक प्रवक्ता ने बताया है कि भारत के हमले में दो बच्चों समेत सात लोगों की मौत हुई है.
रॉयटर्स और एएफ़पी समाचार एजेंसी ने भारतीय सेना के हवाले से रिपोर्ट किया है कि पाकिस्तानी सेना की सैन्य कार्रवाई में जम्मू-कश्मीर में तीन भारतीय नागरिकों की मौत हुई है.
पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रसाशित कश्मीर में भारतीय सेना के हमले के बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफ़िग की है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने सीमा पार से हो रहे हमलों का जवाब देने और इनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और पाकिस्तान के 'आतंकी ढाँचों' पर हमला किया है.
प्रेस ब्रीफिंग में मिसरी ने कहा कि 'भारत की कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ावा देने वाली रही है.' उन्होंने कहा कि पहलगाम का हमला अत्यधिक बर्बरतापूर्ण था.
उन्होंने कहा कि इस हमले का मक़सद जम्मू-कश्मीर में सामान्य होती स्थिति को बाधित करने के लिए किया गया था, इसे प्रतिकूल रूप से प्रभावित करना था.
उन्होंने कहा कि मक़सद था इस संघ राज्य क्षेत्र में विकास को नुकसान पहुँचाकर इसे पिछड़ा बनाए रखा जाए. इसके अलावा देश में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश भी की गई थी.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 'आतंकवादियों के ढाँचे' को खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए.

भारत के हमले के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की प्रतिक्रिया सामने आई है.
शहबाज़ शरीफ़ ने भारत के मिसाइल हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक़ है.
शहबाज़ शरीफ़ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ''दुश्मन ने पाकिस्तान की पाँच जगहों पर कायराना हमले किए हैं.''
उन्होंने भारत के इस हमले को ''एक्ट ऑफ़ वॉर'' बताया है.
शहबाज़ शरीफ़ ने आगे अपनी पोस्ट में लिखा, "पाकिस्तान को भारत के इस एक्ट ऑफ़ वॉर का मुंहतोड़ जवाब देने का पूरा अधिकार है और मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है.''
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पूरी आवाम पाकिस्तानी सेना के साथ खड़ी है और देश का मनोबल मज़बूत है.
पाकिस्तान के पीएम ने कहा, ''पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना को अच्छे से पता है कि दुश्मनों से कैसे निपटा जाता है. हम कभी भी दुश्मन को उसके नापाक़ इरादों में कामयाब नहीं होने देंगे."
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बीबीसी उर्दू से कहा है, "वो (भारत) ये दावा कर रहे हैं कि उन्होंने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है. मैं अंतरराष्ट्रीय मीडिया से कहूंगा कि वे सारे साइट खुद आकर देख लें कि ये आतंकी ठिकाने थे या सिविल आबादी थी, जिसमें हमारी दो मस्जिदें भी थी. एक बच्चा शहीद हुआ है. एक ख़ातून शहीद हुई है. मेरे पास ताज़ा आंकड़ा नहीं है शहादतों का. लेकिन ये सभी सात टारगेट जिनकी पुष्टि हुई है, इनमें से दो कश्मीर में और पांच पाकिस्तान में हैं. ये सभी टारगेट सिविल आबादी पर थे."
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने भारत के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए बीबीसी से बातचीत में कहा है कि "उन्होंने हमारी सीमा लांघी है."
तरार ने जवाबी कार्रवाई के बारे में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता की बातों को दोहराया है.
अताउल्लाह तरार ने कहा, "यह हमला अनुचित है. यह पूरी तरह से बिना सोचे समझे किया गया आक्रमण है. हम निश्चित तौर पर जवाब देंगे. हमारी प्रतिक्रिया ज़मीन और हवा में जारी है."
चश्मदीदों ने क्या बताया?बीबीसी से बातचीत में कुछ चश्मदीदों ने हमले वाली जगह पर मौजूदा हालात के बारे में बताया.
मुज़फ्फराबाद के रहने वाले शहनवाज़ ने बताया, "हम अपने घरों में गहरी नींद में थे, तभी धमाकों की आवाज़ों ने हमें झकझोर कर रख दिया. अब हम अपने परिवारों, महिलाओं और बच्चों समेत बाहर हैं और सुरक्षित जगहों की तलाश में भटक रहे हैं."
शहर में डर का माहौल है, कई लोगों को आशंका है कि और हमले हो सकते हैं.
मुज़फ्फराबाद में बिलाल मस्जिद के पास जहां हमला हुआ है, वहां के रहने वाले मोहम्मद वहीद कहते हैं, "मैं गहरी नींद में था, जब पहले धमाके ने मेरे घर को हिला दिया."
उन्होंने आगे बताया, "मैं तुरंत बाहर की ओर भागा और देखा कि बाक़ी लोग भी ऐसा ही कर रहे थे. हम अभी तक स्थिति को समझ भी नहीं पाए थे कि तभी तीन और मिसाइलें आकर गिरीं, जिससे पूरे इलाक़े में दहशत और अफरा-तफरी मच गई."
वहीद का दावा है, "दर्जनों महिलाएं और पुरुष घायल हो गए हैं. लोग उन्हें यहां से करीब 25 किलोमीटर दूर सीएमएच अस्पताल ले जा रहे हैं. हम मुज़फ्फराबाद शहर के बहुत क़रीब हैं. पुलिस और सुरक्षा बल मौके पर पहुंच चुके हैं."
अमेरिकी राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने क्या कहा?इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी प्रतिक्रिया सामने आई है, इस ऑपरेशन के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, ''ये शर्मनाक है''
व्हाइट हाउस में बोलते हुए उन्होंने कहा, "हमने इसके बारे में अभी-अभी सुना, जब हम ओवल ऑफिस में प्रवेश कर ही रहे थे."
ट्रंप ने आगे कहा, "मैं सिर्फ़ ये चाहता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए."
वहीं अमेरिका में भारत के दूतावास ने बताया है कि भारत के हमले के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिका के अपने समकक्ष के अलावा विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत की है और उन्हें इस कार्रवाई के बारे में बताया है.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा है कि वो "नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सैन्य कार्रवाई को लेकर बेहद चिंतित हैं."
उन्होंने आगे कहा, "महासचिव दोनों देशों से ज़्यादा से ज़्यादा संयम बरतने की अपील करते हैं. दुनिया एक और भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव का जोख़िम नहीं उठा सकती."

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हमला हुआ था जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हुई थी.
पहलगाम से लगभग पांच किलोमीटर दूर बैसरन इलाक़े में हथियारबंद लोगों ने हमला किया था. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'हमले के ज़िम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा.'
उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे लेकिन हमले के बाद वो समय से पहले भारत लौट आए थे.
यह हमला तब हुआ जब घाटी में टूरिस्ट सीज़न पीक पर था. हमले के विरोध में घाटी में बंद का आह्वान भी किया गया था और राजनीतिक दलों ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इस बंद का समर्थन किया था.
इस हमले में शामिल तीन चरमपंथियों की पहचान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साझा की थी.
वहीं पाकिस्तान ने कहा था कि उसका इस हमले से कोई संबंध नहीं है और वो ख़ुद 'आतंकवाद का शिकार' रहा है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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