राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर ‘जहरीली’ हो गई है और स्थिति गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने आज 425 का खतरनाक आंकड़ा पार कर लिया है, जिसके चलते दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का ‘महा-संकट’ गहरा गया है। यह स्तर स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक माना जाता है और ‘स्वास्थ्य आपातकाल’ (Health Emergency) जैसी स्थिति पैदा करता है।
बिगड़ते हालात को देखते हुए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने तुरंत प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-3 को लागू करने का आदेश दे दिया है। GRAP-3 की सख्ती अब पूरी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लागू है।
गैर-ज़रूरी निर्माण और तोड़-फोड़ (Construction and Demolition) गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध।ईंट-भट्टों और हॉट मिक्स प्लांट्स पर रोक।सरकारी और निजी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) की सलाह दी गई है ताकि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम हो सके।
CPCB ने लोगों के लिए एक विशेष एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को घर से बाहर निकलने से बचने की सख्त सलाह दी गई है। एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि इस जहरीली हवा में लंबे समय तक रहना फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रशासन प्रदूषण के इस जानलेवा स्तर को कम करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है, लेकिन जब तक AQI में सुधार नहीं होता, तब तक दिल्ली के निवासियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
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