एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ हाई-वोल्टेज मुकाबला न केवल मैदान पर बल्कि उसके बाद भी चर्चा का विषय बना। भारत ने इस रोमांचक मैच में पाकिस्तान को हराया, लेकिन मैच खत्म होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। आम तौर पर क्रिकेट में यह परंपरा रही है कि मैच के बाद खिलाड़ी आपस में हाथ मिलाकर खेल भावना का परिचय देते हैं, लेकिन इस बार ऐसा न होना विवाद का कारण बन गया।
हम पहलगाम आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के साथ खड़े हैं: भारतीय कप्तानमैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय कप्तान ने कहा, “हमारी सरकार और बीसीसीआई, हम सब एकमत थे। बाकी, हम यहां आए, हमने फैसला किया। मुझे लगता है कि हम यहां सिर्फ खेल खेलने आए थे। मुझे लगता है कि हमने उन्हें माकूल जवाब दिया। जिंदगी में कुछ चीजें खेल भावना से भी ऊपर होती हैं। हम पहलगाम आतंकी हमले के सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़े हैं। जैसा कि मैंने कहा, हम यह जीत अपने बहादुर सशस्त्र बलों को समर्पित करते हैं जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लिया।”
बीसीसीआई की ओर से भी इस मामले पर सफाई दी गई। बोर्ड अधिकारियों ने कहा कि खिलाड़ियों को हाथ न मिलाने का कोई आधिकारिक निर्देश नहीं दिया गया था। यह फैसला खिलाड़ियों ने खुद लिया और इसमें बोर्ड का कोई हस्तक्षेप नहीं था।
इस घटना को लेकर फैन्स और विशेषज्ञों में भी अलग-अलग राय देखने को मिली। कुछ फैन्स ने भारतीय खिलाड़ियों के फैसले को सही ठहराया और कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए यही उचित था। वहीं, कई लोगों का मानना था कि खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए और खिलाड़ियों को खेल भावना दिखानी चाहिए थी।
पाकिस्तानी कोच का क्या था कहनाहेसन ने कहा, “हम मैच के अंत में हाथ मिलाने के लिए तैयार थे। हमें निराशा हुई कि हमारे विपक्षी खिलाड़ियों ने ऐसा नहीं किया। हम उनसे हाथ मिलाने के लिए उनके पास गए थे, लेकिन वे पहले ही ड्रेसिंग रूम में वापस जा चुके थे। मैच का यह एक निराशाजनक अंत था। हम अपने खेल से निराश थे, लेकिन हम हाथ मिलाने के लिए तैयार थे।”
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