Next Story
Newszop

डॅालर के मुकाबले रुपया हुआ कमजोर, जानें इस गिरावट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?

Send Push
नई दिल्ली: आज मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपए में गिरावट आ गई है. भारतीय रुपए में आठ पैसे की गिरावट दर्ज की गई और ये अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.38 पर आ गया.विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से रुपए में गिरावट देखने को मिल रही है.रुपया जब डॉलर की तुलना में मजबूत होता है, तो इसके कई असर देखने को मिलते हैं न केवल आर्थिक स्तर पर, बल्कि आम लोगों की जेब पर भी इसका सीधा असर पड़ता है. रुपया मजबूत होने के फायदे विदेश यात्रा होगी सस्तीजब रुपया मजबूत होता है, तो डॉलर सस्ता हो जाता है. इससे विदेश यात्रा की लागत घट जाती है. जैसे कि, अगर पहले 1 डॉलर = ₹83 था और अब ₹80 हो गया है, तो विदेश में होटल, टिकट और खाना-पीना सब कुछ सस्ता लगेगा. विदेश में पढ़ाई पर असरजो छात्र अमेरिका, यूरोप या अन्य देशों में पढ़ाई कर रहे हैं या वहां जाने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए ट्यूशन फीस और रहन-सहन की लागत कम हो जाती है क्योंकि भुगतान रुपये से डॉलर में करना होता है. विदेशी वस्तुओं की शॉपिंग पर राहतऑनलाइन इंटरनेशनल वेबसाइट्स से खरीदारी करने वालों को भी राहत मिलती है. इलेक्ट्रॉनिक्स, गैजेट्स, ब्रांडेड कपड़े व अन्य सामान सस्ते लगते हैं जब रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले मजबूत होती है. महंगाई पर नियंत्रणभारत बहुत-सा कच्चा तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और अन्य वस्तुएं आयात करता है. जब रुपया मजबूत होता है, तो इनका आयात सस्ता पड़ता है. इससे (CPI) पर दबाव कम होता है, और महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. रुपया मजबूत होने के कारण अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में गिरावटजब अमेरिकी डॉलर अन्य वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले कमजोर होता है, तो रुपया जैसे उभरते बाजार की मुद्राएं मजबूत होती हैं. निवेशक डॉलर से हटकर अन्य विकल्पों की ओर रुख करते हैं. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावटभारत विश्व का बड़ा तेल आयातक है. जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें गिरती हैं, तो भारत का आयात बिल कम होता है. इससे रुपये पर दबाव कम होता है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धिअगर भारत सरकार या रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त डॉलर भंडार होता है, तो वह जरूरत पड़ने पर बाजार में डॉलर बेचकर रुपये को स्थिर या मजबूत बना सकता है. थोक महंगाई दर में गिरावटअगर देश के भीतर थोक महंगाई (WPI) घटती है, तो आर्थिक स्थिरता का संकेत मिलता है और विदेशी निवेशक रुपये को अधिक सुरक्षित समझते हैं. रुपया मजबूत होने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैंहालांकि रुपये की मजबूती के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ क्षेत्र इससे प्रभावित भी हो सकते हैं. निर्यातकों को नुकसानभारत के निर्यातक जब विदेशों में माल बेचते हैं तो उन्हें डॉलर में भुगतान मिलता है. रुपये की मजबूती से उनका लाभ घट सकता है क्योंकि एक डॉलर की कीमत कम हो जाती है. विदेशी निवेश घट सकता हैअगर निवेशकों को लगे कि रुपये की अधिक मजबूती से मुनाफा कम होगा, तो वे निवेश को लेकर सतर्क हो सकते हैं.रुपये की मजबूती आम आदमी से लेकर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था तक को प्रभावित करती है.
Loving Newspoint? Download the app now