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ग्लोबल क्यूज़ पॉज़िटिव लेकिन सेंसक्स और निफ्टी में क्यों आ रही है गिरावट? शेयर मार्केट में बिकवाली के ये तीन कारण

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शेयर मार्केट में गुरुवार को ओपनिंग बेल के साथ ही गिरावट देखने को मिली.बाज़ार बढ़त की आस में खुले ज़रूर लेकिन चार्ट पर पहली कैंडल से ही बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में बिकवाली आई. निफ्टी 25246 के डे हाई लेवल से 230 अंक गिरकर 25018 के लेवल पर पहुंच गया, जबकि सेंसेक्स में भी 650 अंकों की गिरावट हुई.



कमजोर कॉरपोरेट अर्निंग और सुस्त रुझान के बीच आईटी स्टॉक में गिरावट आई. आईटी और बैंकिंग स्टॉक ने बेंचमार्क इंडेक्स को ड्रैग किया. ब्रिटेन के साथ संभावित मुक्त व्यापार समझौते को लेकर आशावाद बाजार के मूड को बेहतर बनाने में विफल रहा.



सेंसेक्स शुरुआती करोबार में 680 अंक से ज़्यादा गिर गया, जबकि निफ्टी 25050 के स्तर से नीचे फिसल गया. दोपहर 1:50 बजे, सेंसेक्स 430 अंक गिरकर 82288 पर था, जबकि निफ्टी 126 अंक गिरकर 25,093 पर था.



निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2% की गिरावट रही, जिसमें सेक्टरवार नुकसान सबसे ज़्यादा रहा. इसके बाद रियल्टी, एफएमसीजी, वित्तीय सेवाओं और पीएसयू बैंकों में 0.5% से 1.2% तक की गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 क्रमशः 0.5% और 0.86% नीचे रहे.



बाज़ार में गिरावट के कारण



कमज़ोर कॉरपोरेट अर्निंगनिफ्टी आईटी इंडेक्स में सबसे ज़्यादा 2% की गिरावट देखी गई, जबकि कोफोर्ज और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स जैसे शेयरों में क्रमशः 9% और 8% की गिरावट आई. इंफोसिस के शेयर भी पहली तिमाही के नतीजों के निराशाजनक रहने के बाद 1% से ज़्यादा गिर गए.



कोफोर्ज ने 12.7% का EBIT मार्जिन दर्ज किया, जो उम्मीदों से कम रहा और पिछली तिमाही की तुलना में कम रहा। कंपनी ने नेगेटिव फ्री कैश फ्लो दर्ज किया और कैपेक्स पर $85 मिलियन खर्च किए, जिसमें एक AI डेटा सेंटर बनाने के लिए $62 मिलियन शामिल हैं.



इस बीच पर्सिस्टेंट सिस्टम्स ग्रोथ टारगेट से चूक गया और वेतन वृद्धि को एक तिमाही के लिए टाल दिया. पिछली तिमाही के $517.5 मिलियन की तुलना में डील हासिल करना $520 मिलियन पर स्थिर रहा, जिससे मांग की गति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.



ट्रम्प का फेड दौरा, ग्लोबल मार्केट में चिंताव्हाइट हाउस द्वारा यह घोषणा किए जाने के बाद कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुरुवार को फेडरल रिजर्व का दौरा करेंगे, वैश्विक संकेतों से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई. यह एक अप्रत्याशित घटनाक्रम है जिससे फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के साथ तनाव बढ़ गया है.



अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा अपनी आगामी बैठक में ब्याज दरें स्थिर रखने की उम्मीद है, लेकिन राजनीतिक अनिश्चितता ने बाजार की बेचैनी बढ़ा दी है.



अमेरिका-भारत ट्रेड डेल को लेकर अनिश्चिततावाशिंगटन की 1 अगस्त की समय सीमा से पहले भारत और अमेरिका के बीच इंटेरिम ट्रेड डील की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं. दो भारतीय सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रमुख कृषि और डेयरी प्रोडक्ट पर टैरिफ कटौती को लेकर वार्ता रुकी हुई है.



भारत का व्यापार प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में पांचवें दौर की वार्ता से बिना किसी सफलता के लौट आया. सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि "1 अगस्त से पहले एक अंतरिम समझौता मुश्किल लग रहा है.

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