Next Story
Newszop

बवासीर: कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार

Send Push
बवासीर क्या है?

यह एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति को अत्यधिक दर्द देती है। मलद्वार की शिराओं के फूलने से मटर के दाने जैसे मांस के अंकुर निकलते हैं, जिसे आयुर्वेद में अर्श और सामान्य भाषा में बवासीर कहा जाता है। यह रोग दो प्रकार का होता है: बादी और खूनी। बादी बवासीर में गुदा में दर्द, खुजली और सूजन होती है, जबकि खूनी बवासीर में मस्सों से मल के टकराने पर रक्तस्राव होता है।


बवासीर के कारण

बवासीर के प्रमुख कारणों में कब्ज, अजीर्ण, अत्यधिक शराब का सेवन, नशीली चीजें, मिर्च-मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, अनियमित भोजन, मांस, मछली, अंडा खाना, लंबे समय तक बैठना, व्यायाम की कमी, धूम्रपान, रात में जागना, यकृत की खराबी और घुड़सवारी शामिल हैं।


बवासीर के लक्षण

इस रोग के लक्षणों में सख्त और कम मात्रा में पाखाना, गुदा में कांटे चुभने जैसा दर्द, खुजली, रक्तस्राव, शरीर का पीला पड़ना, कमजोरी, चक्कर आना, घबराहट, चिंता, क्रोध, अपानवायु का अवरोध, जोर लगाकर वायु निकालना, आंखों में सूजन और भोजन में अरुचि शामिल हैं।


खूनी बवासीर

खूनी बवासीर में कोई अन्य तकलीफ नहीं होती, केवल खून आता है। पहले पखाने में, फिर टपकने के बाद, और अंत में पिचकारी की तरह खून आने लगता है। इसके अंदर मस्सा होता है जो अंदर की ओर होता है और बाद में बाहर आने लगता है।


बादी बवासीर

बादी बवासीर में पेट खराब रहता है और कब्ज बना रहता है। इसमें जलन, दर्द, खुजली, बेचैनी और काम में मन न लगना जैसे लक्षण होते हैं। मल कड़ा होने पर इसमें खून भी आ सकता है।


आयुर्वेदिक उपचार

छाछ (लस्सी): बवासीर के मस्सों को दूर करने के लिए मट्ठा बहुत फायदेमंद होता है। दो लीटर छाछ में 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और स्वादानुसार नमक मिलाकर पिएं। चार दिन तक ऐसा करने से मस्से ठीक हो जाएंगे।


त्रिफला: आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधि, त्रिफला का चूर्ण रात को सोने से पहले 1-2 चम्मच लेने से कब्ज की समस्या दूर होती है।


जीरा: जीरे को भूनकर मिश्री के साथ चूसने से लाभ होता है।


केला और कत्था: पके केले को काटकर उस पर कत्था बुरककर सुबह खाली पेट खाने से बवासीर ठीक होती है।


अंजीर: सूखे अंजीर को रात भर गर्म पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाने से लाभ होता है।


हरीतकी (हरड़): हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच रात को गुनगुने पानी से लेने से बवासीर की समस्या से राहत मिलती है।


नारियल की जटा: नारियल की जटा को जलाकर उसकी भस्म को दही या छाछ के साथ लेने से बवासीर ठीक होती है।


आंवला: आंवले के चूर्ण को शहद के साथ लेने से बवासीर में लाभ होता है।


विडियो देखें

https://youtube.com/watch?v=j_WZ19MkOB8%3Ffeature%3Doembed


ये विडियो में देखिये 


https://youtube.com/watch?v=2__W_6ggrpU%3Ffeature%3Doembed


Loving Newspoint? Download the app now