जोधपुर से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक परिवार ने आरोप लगाया है कि किन्नरों ने उनके बेटे को अपने साथ रखकर उसे किन्नर बनने के लिए प्रेरित किया। जब उसका ऑपरेशन किया गया, तो उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई। परिवार का कहना है कि उनका बेटा मानसिक रूप से इस बड़े निर्णय के लिए तैयार नहीं था, जिसके कारण यह दुखद घटना घटी। अब उन्होंने किन्नरों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
किन्नरों के संपर्क में था युवक
परिवार का कहना है कि 19 वर्षीय ध्रुव पिछले कुछ समय से किन्नरों के संपर्क में था। वह अपने माता-पिता को किन्नर बनने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा था, जबकि उसके माता-पिता उसे बार-बार समझाते रहे कि वह उनसे दूर रहे। ध्रुव की मां ने बताया कि उन्हें लगभग 4 से 5 महीने पहले पता चला कि ध्रुव किन्नरों के साथ समय बिता रहा है।
दिल्ली में दूसरा ऑपरेशन
पहला ऑपरेशन सफल नहीं रहा, जिसके बाद किन्नरों ने उसे फिर से दिल्ली ले जाकर दूसरा ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया। हालांकि, डॉक्टरों ने उसे दोबारा ऑपरेशन करने से मना कर दिया, यह कहते हुए कि उसकी जान को खतरा हो सकता है। इसके बावजूद, किन्नरों ने ध्रुव का दूसरा ऑपरेशन कराया, जिसके परिणामस्वरूप उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई।
पोस्टमार्टम और परिवार की प्रतिक्रिया
लिंग परिवर्तन के लिए 21 वर्ष की आयु तक परिवार की सहमति आवश्यक होती है। ध्रुव ने बिना परिवार की अनुमति के ऑपरेशन कराया। पुलिस ने शव को महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है, जहां मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा। ध्रुव के परिजन और स्थानीय लोग मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हैं, उनका आरोप है कि ऑपरेशन गलत तरीके से किया गया।
संबली ट्रस्ट की प्रतिक्रिया
ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था संबली ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं का कहना है कि ध्रुव पिछले डेढ़ साल से किन्नरों के साथ काम कर रहा था। उन्होंने बताया कि ध्रुव ने 5 से 7 लाख रुपये की कमाई की थी और उसके पास काफी सोना भी था, जो उसके परिवार को मिलना चाहिए।