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मैक्सिको में लड़कियों की शादी की परंपरा: एक गंभीर सामाजिक मुद्दा

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लड़कियों की शादी की परंपरा

हर लड़की का सपना होता है कि उसकी शादी धूमधाम से हो और उसे एक अच्छा जीवनसाथी मिले। हिंदू संस्कृति में विवाह एक बड़े उत्सव के समान होता है। लेकिन, एक ऐसा देश भी है जहां लड़कियों की शादी नहीं होती। चौंकिए मत! इसका मतलब यह नहीं है कि वे कुंवारी रहती हैं।


मैक्सिको, एक ऐसा देश है जहां कम उम्र में लड़कियों को दुल्हन के रूप में बेचा जाता है। दक्षिण मैक्सिको में स्वदेशी समुदायों में यह प्रथा सदियों से चली आ रही है। यहां नाबालिग लड़कियों को उनके माता-पिता द्वारा 2,000 से 18,000 डॉलर के बीच बेचा जाता है। हालांकि, इस परंपरा के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं, लेकिन यह आसानी से समाप्त नहीं हो रही।


14 वर्षीय एलोइना फेलिसियानो ने अपनी मां से शादी न कराने की गुहार लगाई, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। फेलिसियानो ने कहा, "हम जानवर नहीं हैं, जानवरों को बेचा जाता है।"


ग्युरेरो राज्य में आज भी कई समुदायों में इस तरह के समझौते होते हैं। लेकिन अब इस प्रथा को समाप्त करने के लिए आवाजें उठने लगी हैं। वहां के लोग बताते हैं कि दुल्हन के माता-पिता लड़कियों को बेचने के लिए 2,000 से 18,000 डॉलर मांगते हैं।


तलाचिनोलन सेंटर ऑफ ह्यूमन राइट्स के निदेशक बैरेरा का कहना है, "लड़कियां पूरी तरह असुरक्षित हैं। उनका नया परिवार उन्हें घरेलू और कृषि कार्यों में गुलाम बना देता है। कभी-कभी ससुराल वाले उनका यौन शोषण भी करते हैं।"


यह सोचने वाली बात है कि कोई भी अपने बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव कैसे कर सकता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मैक्सिको की 12.6 करोड़ की जनसंख्या में 10 प्रतिशत आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व है और लगभग 70 प्रतिशत लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं। यह संभव है कि गरीबी इस प्रथा का मुख्य कारण हो। किसी भी लड़की को इस तरह बेचना मानवता के खिलाफ है और इसे रोकने की आवश्यकता है, ताकि फेलिसियानो जैसी लड़कियां अपने जीवन को अपने तरीके से जी सकें।


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