पर्सनल लोन लेना सरल है, कागजी कार्यवाही जल्दी होती है और धन सीधे आपके खाते में आ जाता है। हालांकि, इसके पीछे कई छिपे हुए खर्च होते हैं, जिनका अधिकांश लोग अनुमान नहीं लगा पाते। EMI और ब्याज दर देखकर लोन लेना आसान लगता है, लेकिन बैंक के अन्य चार्ज बाद में कुल लागत को बढ़ा देते हैं। आज हम आपको पर्सनल लोन से जुड़े उन छिपे खर्चों के बारे में जानकारी देंगे, जिनसे कम लोग वाकिफ होते हैं।
लोन मिलने से पहले कटौती
अधिकतर बैंक और एनबीएफसी लोन राशि का 1% से 3% प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। यह राशि लोन मिलने के साथ ही काट ली जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 5 लाख का लोन लिया और फीस 2% है, तो आपको केवल 4.9 लाख ही मिलेंगे, जबकि चुकाना 5 लाख का होगा। इस प्रकार, शुरुआत में ही राशि कम हो जाती है।
जल्दी चुकाने पर जुर्माना
यदि आप लोन को निर्धारित समय से पहले चुकाना चाहते हैं, तो आपको अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ सकता है। इसे प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज कहा जाता है, जो बकाया राशि का 2% से 5% तक हो सकता है। इसलिए, पहले से यह तय कर लें कि जल्दी चुकाने से आपको कितनी बचत होगी या चार्ज कितना होगा।
देरी या EMI बाउंस का जुर्माना
यदि आप समय पर EMI का भुगतान नहीं करते हैं या चेक/ऑटो-डेबिट बाउंस हो जाता है, तो बैंक 500 से 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है। इससे न केवल आपकी जेब पर बोझ पड़ता है, बल्कि आपका क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित हो सकता है। बेहतर होगा कि EMI की तारीख से पहले अपने खाते में पर्याप्त धनराशि रखें।
बीमा का छिपा खर्च
कई बार बैंक लोन के साथ पर्सनल एक्सीडेंट कवर या लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस जैसी पॉलिसी जोड़ देते हैं, जो अनिवार्य नहीं होती। इस प्रीमियम पर भी ब्याज लगता है। आपको इसे लेने या ठुकराने का अधिकार है, इसलिए लोन साइन करने से पहले स्पष्ट रूप से पूछ लें।
GST का अतिरिक्त बोझ
प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट पेनल्टी, और फोरक्लोजर चार्ज पर 18% GST भी लगता है। इसका मतलब है कि हर फीस या जुर्माने पर टैक्स अलग से जुड़कर कुल खर्च बढ़ जाता है। केवल EMI देखकर लोन न लें, सभी खर्चों का पहले से हिसाब लगाना आवश्यक है।
बैंक से क्या पूछें?
लोन लेने से पहले बैंक से कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछना न भूलें ताकि बाद में कोई समस्या न हो। पूछें कि प्रोसेसिंग फीस कितनी है, क्योंकि यह लोन की कुल लागत को बढ़ा सकती है। यह भी स्पष्ट करें कि फोरक्लोजर चार्ज क्या हैं, यानी लोन को जल्दी चुकाने पर आपको कितनी सजा मिलेगी। साथ ही, पूछें कि लोन के साथ कोई बीमा तो नहीं जोड़ा जा रहा है। और हां, कुल जीएसटी कितना लगेगा, यह भी पहले से स्पष्ट कर लें।
समझदारी में ही सुरक्षा
पर्सनल लोन कठिन समय में राहत प्रदान कर सकता है, लेकिन बिना पूरी जानकारी के लिया गया लोन आपको कर्ज के जाल में फंसा सकता है। EMI और ब्याज दर के साथ-साथ छिपे हुए चार्ज पर भी ध्यान दें। तभी लोन आपके लिए लाभकारी साबित होगा। सही जानकारी और सोच-समझकर लिया गया लोन ही वास्तव में मदद करता है।
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