
धार्मिक यात्रा पर जाने से पहले आपको सरकार से अनुमति लेनी होती है। क्या आप भी किसी धार्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं? इस वीडियो में जानें कि कौन सी यात्रा सबसे कठिन हो सकती है। इसे अंत तक देखें।

भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा पंच केदार मानी जाती है। यह उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित पांच मंदिरों का समूह है, जो लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर है। इस यात्रा में घने जंगलों और 12000 फीट ऊंचे पहाड़ों को पार करना होता है। श्रद्धालुओं को कई बार जंगलों में खो जाने का सामना करना पड़ता है।
दूसरी कठिन यात्रा कैलाश मानसरोवर की है, जिसमें 28 दिन लगते हैं। यहां पहुंचने का कोई सीधा सड़क या रेल मार्ग नहीं है, और यह यात्रा ज्यादातर पैदल ही की जाती है। अस्थमा, दिल की बीमारी और उच्च रक्तचाप के मरीजों को अनुमति नहीं मिलती। इस यात्रा के लिए उम्र सीमा 18 से 70 वर्ष है। कैलाश मानसरोवर का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
तीसरे स्थान पर श्रीखंड महादेव है, जो एक चुनौतीपूर्ण ट्रैक है। यह यात्रा लगभग 14000 फीट की ऊंचाई पर होती है, जहां बर्फ से ढके ग्लेशियर को पार करना पड़ता है। यहां पहुंचने के लिए साहस और दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
चौथे नंबर पर हेमकुंड साहिब है, जो 16000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहुंचना कठिन है, और कई तीर्थ यात्री ऑक्सीजन की कमी का सामना करते हैं।
अमरनाथ यात्रा भारत की सबसे प्रसिद्ध धार्मिक यात्राओं में से एक है। यह यात्रा 45 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर आधारित है, जिसमें पहाड़ों पर चढ़ाई करनी होती है।
छठे स्थान पर केदारनाथ मंदिर यात्रा है, जहां तीर्थ यात्रियों को 23 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी होती है।
अंत में, आदि कैलाश की यात्रा है, जो समुद्र तल से 6638 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए 76 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
आप इनमें से कौन सी धार्मिक यात्रा पर जाना चाहेंगे? हमें कमेंट में बताएं।
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