मंगलवार को, सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया कि चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का डेटा नष्ट नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने चुनाव आयोग से यह भी पूछा कि चुनावों के बाद ईवीएम के डेटा को कैसे सुरक्षित रखा जाता है और इस प्रक्रिया का क्या स्वरूप है।
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि वर्तमान में ईवीएम से कोई डेटा हटाया नहीं जाएगा और न ही इसमें नया डेटा जोड़ा जाएगा।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई में पीठ ने चुनाव आयोग से यह भी पूछा कि चुनावों के बाद ईवीएम की मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर को नष्ट करने की प्रक्रिया क्या है। सीजेआई ने कहा कि इस मामले में कोई विवाद नहीं होना चाहिए। यदि किसी हारने वाले उम्मीदवार को संदेह है कि ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकती है, तो इंजीनियर से यह स्पष्ट किया जा सकता है कि क्या वास्तव में ऐसा हुआ है या नहीं।
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