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बच्चों में दृष्टि कमजोर होने का बढ़ता खतरा: AIIMS अध्ययन से खुलासा

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AIIMS अध्ययन में बच्चों की दृष्टि स्वास्थ्य पर चिंता TV-mobile addiction can lead to glasses, how many hours of screen time is safe? AIIMS study gave all the answers

AIIMS के एक हालिया अध्ययन में यह सामने आया है कि बच्चों में दृष्टि संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले 10-15 वर्षों में, बच्चों में मायोपिया (नजदीकी दृष्टि दोष) की समस्या तीन गुना बढ़ गई है।


आरपी सेंटर ने 2001 में इस विषय पर एक सर्वेक्षण किया था, जिसमें दिल्ली में 7% बच्चों में मायोपिया पाया गया था। 2011 में यह आंकड़ा बढ़कर 13.5% हो गया, और अब 2023 में यह 20 से 22% तक पहुंच गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चों को चश्मे की आवश्यकता बढ़ रही है।


शहरों में हर चार में से एक और गांवों में सात में से एक बच्चे को चश्मा लग रहा है। पहले यह समस्या 12 से 13 वर्ष की उम्र में शुरू होती थी, लेकिन अब यह कम उम्र में ही देखने को मिल रही है।


बच्चों का बढ़ता स्क्रीन टाइम इस समस्या का मुख्य कारण है। बच्चे दो से तीन घंटे तक मोबाइल पर गेम खेलते हैं या वीडियो देखते हैं। कई माता-पिता अपने बच्चों को चश्मा पहनाने में देरी करते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है।


आरपी सेंटर के विशेषज्ञ प्रोफेसर डा. रोहित सक्सेना ने बताया कि एक अध्ययन में 3000 स्कूली बच्चों को दो समूहों में बांटा गया। पहले समूह को प्रतिदिन आधे घंटे खेलने का समय दिया गया, जबकि दूसरे समूह को ऐसा कोई समय नहीं मिला। परिणामस्वरूप, पहले समूह के बच्चों को नए चश्मे की आवश्यकता कम पड़ी।


यदि बच्चे प्रतिदिन आधे घंटे भी बाहर खेलें, तो उनकी दृष्टि बेहतर बनी रहती है। यदि वे दो घंटे बाहर खेलें और स्क्रीन टाइम कम करें, तो उन्हें नए चश्मे की आवश्यकता कम होगी।


डॉक्टरों का कहना है कि यदि बच्चे नजदीक से पढ़ते हैं या आंखों में चुभन महसूस करते हैं, तो यह दृष्टि कमजोर होने के लक्षण हो सकते हैं।


घर में माता-पिता अक्सर बच्चों को टोकते हैं कि टीवी पास से मत देखो, क्योंकि इससे नजर कमजोर हो सकती है। यदि बच्चे लगातार नजदीकी चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो उनकी दूर की दृष्टि धुंधली हो जाती है।


भारत में 45 वर्ष से अधिक उम्र के 34% लोगों की दृष्टि कमजोर है। एम्स के अनुमान के अनुसार, 2050 तक भारत के 40% बच्चों की दृष्टि कमजोर हो जाएगी।


डॉक्टरों का सुझाव है कि दूर की चीजों पर ध्यान केंद्रित करते रहें। स्क्रीन का अधिक उपयोग करने वालों के लिए 20-20-20 नियम अपनाना फायदेमंद हो सकता है। इसका मतलब है कि 20 मिनट तक स्क्रीन देखने के बाद 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 फीट दूर देखें।


हालांकि स्क्रीन टाइम के लिए कोई निश्चित नियम नहीं है, लेकिन एम्स के अनुसार, पूरे दिन में 2 घंटे से अधिक मोबाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए। हर 20 मिनट में एक ब्रेक लेना जरूरी है।


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