एनएम जोशी मार्ग पुलिस थाने के अंतर्गत एक 18 वर्षीय युवक ने अपने घर में आत्महत्या कर ली। आरोप है कि उसे उसके मालिक और कुछ सहयोगियों ने निर्वस्त्र कर मोहल्ले में घुमाया। यह घटना गुरुवार को हुई। पीड़ित के पिता का कहना है कि पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हुई है और एफआईआर दर्ज करने के बजाय एडीआर के माध्यम से मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। वहीं, सीनियर पीआई सुनील चंद्रमोरे ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर जांच की बात कही है।
कामगार नगर में रहने वाले पीड़ित के पिता, रामराज जैस्वार के अनुसार, उनका बेटा शिवम (बदला हुआ नाम) पिछले साल वाराणसी से मुंबई आया था। उसे एक किराना स्टोर में 12,000 रुपये की सैलरी पर हेल्पर की नौकरी मिली।
स्टोर मालिक ने शिवम से पांच-छह महीने काम करवाने के बाद वेतन नहीं दिया, जिसके कारण उसने जनवरी में दूसरी नौकरी शुरू की। मार्च में, स्टोर मालिक के भाई ने उसे अपनी पान की दुकान पर काम करने के लिए कहा, जिसे उसने स्वीकार कर लिया। लेकिन उसने अपने पुराने मालिक से बकाया वेतन मांगना नहीं छोड़ा। इससे नाराज होकर स्टोर मालिक ने शिवम की पिटाई की।
रामराज ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने पहले उसके बेटे को एक नाई के पास ले जाकर उसका सिर मुंडवाया, फिर उसके चेहरे और सिर को राख से काला किया। इसके बाद, उन्होंने उसके कपड़े उतारकर मोहल्ले में घुमाया। इस अपमान से आहत होकर शिवम ने आत्महत्या कर ली। नायर अस्पताल में जब रामराज ने अपने बेटे का शव देखा, तो पता चला कि उसका सिर मुंडा हुआ था और शरीर पर राख लगी थी। बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद जब रामराज पुलिस स्टेशन गए, तो पुलिस अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय एडीआर दर्ज करने की बात कही। पुलिस का कहना है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं।
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