कानपुर/बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत से बड़ा फरमान जारी किया है। कानपुर में आई लव मोहम्मद का बोर्ड लगवाने वाले 25 मुस्लिम लड़कों पर एफआईआर की घटना पर दरगाह ने कड़ी आपत्ति जताई है।
गौरतलब है कि जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान विवाद की स्थित बन गई थी।
बीते दिनों कानपुर के रावतपुर स्थित सैय्यद नगर में रामनवमी शोभायात्रा गेट के सामने ट्रैक्टर पर आई लव मोहम्मद का बोर्ड लगा था। दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान मौके पर पहुंचे एसीपी रंजीत कुमार ने लोगों को समझाकर मामला शांत का प्रयास किया। नाराज हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता बोर्ड हटाए जाने की मांग को लेकर अड़े रहे।
बरेली दरगाह के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान ने पैगंबर के बोर्ड को लेकर मुस्लिम युवाओं पर एफआईआर को भारतीय संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लिखना किसी भी स्थिति में अपराध नहीं है। अभिव्यक्ति लोकतंत्र की आत्मा होती है।
फरमान मियां ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19-1-ए के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अनुच्छेद 25 के तहत धर्म के पालन की स्वतंत्रता का अधिकार दिया है। अनुच्छेद 21 में नागरिक को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। इसके साथ ही युवकों पर दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है।
उन्होंने पैगंबर मोहम्मद से प्रेम जताने के लिए कानूनी अधिकार के तहत मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले का हवाला दिया। और यह अपील की कि किसी भी समुदाय के लोगों को धार्मिक प्रेम और आस्था प्रकट करने से ना रोका जाए।
You may also like
आपका अकेलापन दूर करेगी AI गर्लफ्रेंड, खूबियां जानकर आप भी हो जाएंगे दीवाने
पटवारी का दलाल 30 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
Silent Heart Attack: थकान, पीठ दर्द या साइलेंट हार्ट अटैक? नज़रअंदाज़ करने पर हो सकता है जानलेवा
बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा सभी 294 सीटों पर नियुक्त करेगी विस्तारक
एक गाँव में एक विधवा और` उसकी 6-7 साल की छोटी बेटी रहती थी। दोनों गरीबी में किसी तरह अपना जीवन काट रहे थे। एक दिन माँ सुबह-सुबह घास लाने गई और साथ में काफल भी तोड़ लाई। बेटी ने काफल देखे तो उसकी खुशी का