बिहार में सियासी पारा हाई है। भाजपा और मुख्य विपक्षी राजद लगातार जनसभाएं आयोजित कर रही हैं। फिलहाल राजद के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ‘बिहार अधिकार यात्रा’ कर रहे हैं।
इस दौरान वो सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर सियासी वार करते नजर आ रहे हैं।
इस बार चुनावी कैंपेन में तेजस्वी यादव का फोकस बिहार के युवा और नया वोटर्स पर है। गौरतलब है कि जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर भी अपने जनसभाओं में युवाओं को कलम बांटते नजर आ चुके हैं।
युवाओं को कलम बांटते नजर आए तेजस्वी
तेजस्वी यादव के ‘बिहार अधिकार यात्रा’ में युवाओं की जबरदस्त भीड़ भी नजर आ रही है।
इसी बीच तेजस्वी यादव की एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। वीडियो में राजद नेता युवाओं को कलम बांटते दिख रहे हैं। तेजस्वी का यह अंदाज भले ही उनके समर्थकों को पसंद आ रही है, लेकिन भाजपा और जेडीयू के नेताओं ने इसपर पलटवार किया है। बिहार में ‘पेन पॉलिटिक्स’ की शुरुआत हो गई है।
जेडीयू प्रवक्ता ने तेजस्वी पर साधा निशाना
तेजस्वी के इस नए अंदाज पर भाजपा नेताओं ने तल्ख टिप्पणी की है। जदयू के विधान परिषद सदस्य एवं मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि कलम बांटने से पहले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को उनका नाम बताना चाहिए, जिनके शासन में राज्य की बड़ी आबादी को अशिक्षित रखने की साजिश रची गई थी। उन्होंने गुरुवार को कहा कि तेजस्वी यादव आजकल घुड़सवारी कर रहे हैं। कलम भी बांट रहे हैं। उनके दोनों कृत्य का कोई औचित्य नहीं है। उन्हें बताना चाहिए कि राज्य में चरवाहा विद्यालय खोलने की योजना किस सरकार में बनी थी।
नीरज कुमार ने आगे कहा कि तेजस्वी को यह भी बताना चाहिए कि चरवाहा विद्यालय में साढ़े चार रुपये की फीस पर पढ़ाई होती थी। इस समय नीतीश कुमार की सरकार में पांच रुपये की फीस देकर गरीबों के बच्चे पॉलिटेक्निक में पढ़ रहे हैं। तेजस्वी कलम बांटने में नहीं, इसे फेंकने में विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि पर्याप्त अवसर रहने के बाद भी उन्होंने पढ़ाई पूरी नहीं की।
बता दें कि अभी तक चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान नहीं किया है। वहीं, सीट शेयरिंग को लेकर सभी राजनीतिक दलों में मंथन का दौर जारी है।
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