विवाह का बंधन पवित्र होने के साथ-साथ सात जन्मों का बंधन कहा जाता है। हर कोई यही चाहता है कि वह अपने जीवनसाथी के साथ हंसी-खुशी जिंदगी जीए। परंतु अक्सर देखा गया है कि शादी के बाद ऐसे कई हादसे हो जाते हैं जिसमें पति-पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है।
अगर शादी के बाद किसी महिला के पति का निधन हो जाता है, तो ससुराल वाले अपनी बहू को बुरा भला कहने लगते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि ससुराल वाले अपनी बहू को परेशान करते हैं और बेटे की मौत का सारा दोष अपनी बहू पर ही डाल देते हैं।
हम सभी लोग अक्सर खबरों में यह सुनते रहते हैं कि सास-ससुर अपनी बहू के प्रति बहुत खराब व्यवहार करते हैं। इस तरह की खबरें मन को बहुत दुखी करती हैं। सास-बहू में लड़ाई झगड़े के मामले अक्सर खबरों में आते रहते हैं।
लेकिन बहू भी बेटी का ही रूप होती है। लेकिन बहुत कम लोग हैं जो इस बात को समझते हैं। पति की मृत्यु अगर किसी कारणवश हो जाती है, तो ऐसे में ससुराल में लड़कियों को बहुत परेशान किया जाता है।
समाज में अक्सर को कुरीतियों के कारण महिला प्रताड़ना की खबरें आती रहती हैं। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । कई बार इन्हीं के कारण लड़कियों की जिंदगी दांव पर लग जाती है। इन हालातों में हमेशा यह देखा गया है कि समाज के डर से ना तो मां-बाप साथ देते हैं, ना ही सास-ससुर साथ देते हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ के धमतरी से मिसाल पेश करने वाली खबर निकल कर सामने आई है।
यहां पर एक महिला ने बेटे की मृत्यु के बाद अपनी विधवा बहू को ना सिर्फ शादी के लिए दोबारा राजी करवाया बल्कि पूरे रीति-रिवाज के साथ उसकी शादी भी करवाई। यह खबर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। बहुत से लोग अब सास की खूब तारीफ कर रहे हैं।
दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी से सामने आया है, जहां पर रिसाई पारा के नागेश्वर मंदिर में सदियों पुरानी कुरीतियों को तोड़ते हुए एक शादी संपन्न हुई। यहां 32 वर्षीय कृतिलता सिन्हा और 40 वर्षीय दुर्गेश सिन्हा विवाह के बंधन में बंध गए हैं। आपको बता दें कि 2 साल पहले कृतिलता के पति गजेंद्र सिन्हा का हार्ट अटैक के कारण मृत्यु हो गई थी। जबकि ढाई साल पहले भिलाई निवासी दुर्गेश की पत्नी किसी गंभीर बीमारी से चल बसी।
कृतिलता अपने 5 साल के बच्चे के साथ अकेले रह रही थी। उसने अपनी पूरी जिंदगी को ऐसे ही अकेले गुजारने का निर्णय ले लिया था परंतु कृतिलता की सास यमुना देवी ने बहू के जीवन को दोबारा बसाने का फैसला लिया। बता दें कि यमुना देवी जनपद पंचायत सदस्य भी हैं। लेकिन उनके लिए अपने इस फैसले को पूरा करना इतना सरल बिल्कुल भी नहीं था।
विधवा बहू को राजी करना था बड़ा ही मुश्किलपति की मौत के बाद कृतिलता ने अपनी बाकी की जिंदगी इसी तरह अकेले बिताने का मन बना लिया था। हालांकि, कृति की सास यमुना देवी ने फैसला लिया कि अपनी बहू की दोबारा शादी कराएंगी। कृति को राजी करना फिर समाज को इस विधवा विवाह को स्वीकार करवाना बड़ी चुनौती थी। परंतु किसी तरह कृति को मनवाकर सास ने फिर से उसकी शादी करवा दी।
कृति की सास यमुना देवी ने एक मीडिया से बातचीत के दौरान यह बताया कि “उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन बहू कृति का अभी पूरा जीवन बाकी है। इसलिए उन्होंने ऐसा फैसला लिया और अपनी बहू को बेटी की तरह विदा किया।”

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कृतिलता धमतरी की ही रहने वाली है। उनका विवाह नरहरपुर में गजेंद्र सिन्हा के साथ हुआ था। परंतु पति की मृत्यु के बाद दोबारा शादी करके कृति अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुकी हैं। इस विवाह से वर-वधु के साथ-साथ दोनों के परिवारों में भी खुशियों का माहौल है। इस शादी से पूरे समाज को एक प्रगतिशील सोच की प्रेरणा मिलेगी।
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