भारत की एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री को 4,500 करोड़ रुपये का झटका लगने जा रहा है. सरकार रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने जा रही है. संसद से पास होने के बाद ऑनलाइन गेमिंग बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. सरकार के इस कदम से विज्ञापन पर ज्यादा खर्च करने वाली ऑनलाइन गेमिंग कैटेगरी पर खतरा है. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से लेकर रीजनल स्पोर्ट्स लीग और प्राइम-टाइम टेलीविजन तक गेमिंग प्लेटफॉर्म सबसे ज्यादा विज्ञापन देने वाली कैटेगरी में से है. अब इन गेमिंग प्लेटफॉर्म के भविष्य पर संकट आने से मीडिया रेवेन्यू में भारी कमी आ सकती है.
एक मीडिया रिपोर्ट में एड एजेंसी पल्प स्ट्रैटेजी की फाउंडर और चीफ स्ट्रेटजिस्ट अंबिका शर्मा ने बताया कि पिछले चार सालों में रियल मनी गेमिंग कंपनियां विज्ञापनों पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाली कंपनियों में से एक रही हैं. भारत के कुल विज्ञापन खर्च में इन कंपनियों की हिस्सेदारी सालाना करीब 6 से 7 प्रतिशत है. यह खर्च IPL या अन्य बड़े स्पोर्ट इवेंट के दौरान सबसे ज्यादा रहती है. अगर ये कंपनियां बंद होती हैं तो निश्चित तौर पर इंडस्ट्री से ये हिस्सा गायब हो जाएगा.
70,000 करोड़ का है भारतीय विज्ञापन उद्योगएक अनुमान के मुताबिक, यह गेमिंग प्लेटफॉर्म भारत में सालाना कुल विज्ञापन खर्च में लगभग 4,500 करोड़ रुपये का योगदान देते हैं. अडानी ग्रुप के डिजिटल मीडिया जनरल मैनेजर चंदन शर्मा ने कहा कि भारतीय विज्ञापन उद्योग लगभग 70,000 करोड़ रुपये का है. रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म की हिस्सेदारी बहुत कम है, लेकिन गेमिंग प्लेटफॉर्म तेजी से विज्ञापनों पर खर्च बढ़ा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगर गेमिंग प्लेटफॉर्म बंद होते हैं तो विज्ञापन उद्योग पर इसका असर तो होगा.
खेलों को लगेगा सबसे बड़ा झटकाएक्सपर्ट्स काम मानना है कि ज्यादातर छोटी और ऑनलाइन लीग गेमिंग विज्ञापनों पर ही निर्भर हैं. अगर यह विज्ञापन खत्म हुए तो ब्रॉडकास्टर्स और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. सबसे बड़ा झटका खेलों को लगेगा. कई सालों से फैंटेसी ऐप्स और रियल-मनी गेमिंग ब्रांड्स IPL और बड़े खेल आयोजनों में विज्ञापनों का मुख्य जरिया रहे हैं. इनके बिना एक ऐसा खालीपन रह जाएगा जिसे अन्य विज्ञापन तुरंत पूरा नहीं कर पाएंगें.
ऑनलाइन गेमिंग बिल क्या है?संसद से पास होने के एक दिन बाद शुक्रवार को ऑनलाइन गेमिंग बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. अब यह कानून बन गया है. इस कानून के जरिए सरकार पैसे से खेले जाने वाले सभी प्रकार के खेलों और ई-स्पोर्ट्स व ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने वाले प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाएगी. इस इसे ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल नाम दिया था. अधिसूचना जारी होने बाद यह बिल कानून बन जाएगा. सरकार का मानना है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग एक गंभीर सामाजिक समस्या बन गई है, जिसका समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
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