Weather Update:अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक यानी अगले तीन महीने के मौसम को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक रिपोर्ट जारी की है. जारी रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश भागों में अक्टूबर से दिसंबर तक सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. IMD का ये अनुमान बताता है कि इन तीन महीनों में भी बारिश होगी. हालांकि अब धान की कटाई का समय धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है. ऐसे में अगर अक्टूबर और नवंबर में बारिश हुई तो धान की फसल पर असर पड़ेगा और किसान को इसकी मार झेलनी पड़ेगी.
महाराष्ट्र के कई जिलों में बाढ़आज सितंबर महीने का आखिरी दिन है. कई राज्यों में मौसम काफी खराब है. दिल्ली, राजस्थान, बंगाल और महाराष्ट्र में बारिश जारी है. महाराष्ट्र के कई जिले तो बाढ़ की चपेट में हैं. बारिश ने महाराष्ट्र के किसानों का सबकुछ छीन लिया है. जमीन बह गई है, खड़ी फसलें सड़ गई हैं और खेत तालाब बन गए हैं. भारी बारिश ने विदर्भ, मराठवाड़ा में सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है.
बंगाल में भी होगी बारिश!वहीं IMD ने कहा कि कम दबाव वाले क्षेत्र के कारण विजयादशमी से पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है. IMD ने बताया कि बुधवार को बंगाल की खाड़ी के मध्य में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. इसके प्रभाव से हावड़ा, दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है. वहीं बीरभूम, मुर्शिदाबाद और पश्चिम बर्धमान जिलों में भारी बारिश होने संभावना है.
राजस्थान के इन जिलों में अलर्टवहीं राजस्थान के अनेक हिस्सों में एक नए मौसमी तंत्र के असर से मंगलवार से बारिश होने का पूर्वानुमान है. जयपुर मौसम केंद्र ने यह जानकारी दी. जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार, आज कच्छ क्षेत्र के ऊपर एक निन्म दाब क्षेत्र बना हुआ है और वायुमंडल के निचले स्तरों में एक ट्रफ लाइन उत्तर-पश्चिम राजस्थान के ऊपर सक्रिय है. केंद्र ने बताया कि इसके असर से आज शेखावाटी क्षेत्र, जयपुर, भरतपुर, अजमेर, जोधपुर व बीकानेर संभाग के कुछ भागों में बारिश होने की संभावना है.
उत्तर-पश्चिम भारत में 747.9 मिलीमीटर बारिशवर्ष 2025 के मानसून मौसम में उत्तर-पश्चिम भारत में 747.9 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो 2001 के बाद सबसे अधिक और 1901 से छठी सबसे अधिक बारिश है. IMD के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर की अवधि के दौरान, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. विशेष रूप से मध्य भारत, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में सामान्य से ज़्यादा बारिश होने की उम्मीद है.
इन क्षेत्रों में कैसा रहेगा मौसम?- उत्तर-पश्चिम भारत: इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.
- मध्य भारत: मध्य भारत के कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है.
- दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत: इस क्षेत्र में विशेष रूप से तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण सामान्य से अधिक बारिश होगी.
- पूर्वोत्तर भारत: इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों को छोड़कर, अधिकांश भागों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है.
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