New Delhi, 2 नवंबर . विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने Sunday को India अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) की चल रही तैयारियों का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. आईआईएसएफ अगले महीने 6 से 9 दिसंबर तक चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा.
जितेंद्र सिंह ने 29 सितंबर को आयोजित पिछली समीक्षा में हुए विचार-विमर्श के आधार पर कहा कि इस वर्ष का आईआईएसएफ एक सशक्त राष्ट्रीय आख्यान स्थापित करेगा, जिसमें दिखाया जाएगा कि कैसे Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार के प्रति India के दृष्टिकोण में आमूल-चूल परिवर्तन आया है.
जितेंद्र सिंह ने विज्ञान-आधारित शासन की ओर India के निर्णायक बदलाव पर जोर देते हुए कहा कि आज विज्ञान नीति का नेतृत्व करता है. वे दिन गए जब विज्ञान नीति का इंतजार करता था. आज, नीतियां विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा निर्देशित होती हैं.
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मंत्रालयों, शिक्षा जगत, उद्योग और स्टार्टअप्स में India की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का जश्न मनाएगा, जो आत्मनिर्भर India की भावना को दर्शाता है.
मंत्री ने कहा कि इस वर्ष का आईआईएसएफ उन प्रमुख क्षेत्रों में India की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा जो राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता के स्तंभ बन गए हैं. उन्होंने कहा कि आईआईएसएफ 2025 न केवल वैज्ञानिक आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा, बल्कि प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में India की आत्मनिर्भरता के उत्सव के रूप में भी कार्य करेगा.
India Government के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. अजीत कुमार मोहंती, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव तथा सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी मौजूद रहे.
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एमएस/डीकेपी
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