अगरतला, 8 अक्टूबर . त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्य कार्यालय पर कथित तोड़फोड़ की घटना के बाद पश्चिम बंगाल से एक प्रतिनिधिमंडल Wednesday सुबह कोलकाता से अगरतला पहुंचा. टीएमसी नेताओं ने इसे भाजपा की “हिंसा की संस्कृति” करार दिया है.
प्रतिनिधिमंडल में सांसद प्रतिमा मंडल, सुष्मिता देव, सायानी घोष, पश्चिम बंगाल की मंत्री बीरभाह हंसदा, तथा पार्टी नेता कुणाल घोष और सुदिप राहा शामिल हैं. दो दिनों की यात्रा में सांसद पार्टी कार्यालय का जायजा लेंगे, सहकर्मियों से मिलेंगे और राज्य प्रशासन से बात करेंगे.
वहीं, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तर बंगाल में हुई घटना से टीएमसी का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, “यह भाजपा को खुद विश्लेषण करना चाहिए कि उसके सांसद, विधायक और जनता उनसे नाराज क्यों हैं. उन्हें रोजाना 100 रुपये की सहायता देना बंद करना होगा, अब्बास सिद्दीकी जैसे लोगों को पैसे देना बंद करना होगा. उन्हें बांग्लादेशी कहना बंद करना होगा. जनता इन सब से तंग आ चुकी है. लेकिन, जो उनके साथ हुआ, हम उसका समर्थन नहीं करते. हम इसकी निंदा करते हैं. ममता बनर्जी खगेन बाबू से मिलने गई थीं और उन्होंने भी निंदा की.”
कुणाल घोष ने अगरतला में टीएमसी कार्यालय पर हमले का जिक्र करते हुए कहा कि घटना के दौरान Police खड़ी होकर देखती रही. उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी, ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने एक टीम भेजने का फैसला किया. हम पार्टी कार्यालय, सहकर्मियों और नेताओं के साथ वहां जा रहे हैं.”
एक सवाल पर उन्होंने कहा, “हम भाजपा शासित राज्य के खिलाफ जा रहे हैं. वहां कानून-व्यवस्था ठीक नहीं है. हमारे पास वीडियो सबूत हैं. अगर आप देखना चाहें, तो हमारे साथ आइए. वहां भाजपा की हालत देखिए, यह किसी दक्षिण भारतीय फिल्म जैसा है. वे Police स्टेशन पर हमला करते हैं. पिछली बार भी उन्होंने दिन और रात में Police स्टेशन पर दो बार हमला किया था.”
घोष ने अपनी सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा, “मैं आज पैदल जा रहा हूं. शायद मेरी लाश ही वापस आए. लेकिन, हम अपने Political कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेंगे. प्रतिनिधिमंडल जा रहा है. सुरक्षा उनके हाथ में है. यह उनका राज्य और Police है. सोचिए, जब Police खड़ी होकर हमारे कार्यालय में तोड़फोड़ देख रही थी, तो सुरक्षा क्या होगी.” उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल दो दिनों के लिए रहेगा.
टीएमसी सायानी घोष ने कहा, “हमने देखा कि कैसे टीएमसी कार्यालय में तोड़फोड़ की गई. नागराकाटा की घटना में टीएमसी कार्यकर्ताओं या नेताओं की कोई भागीदारी नहीं थी. यह स्वतःस्फूर्त भीड़ थी, क्योंकि भाजपा का प्रतिनिधि ईद का चांद है. चुनाव के दौरान ही पश्चिम बंगाल के लोग उन्हें देखते हैं. सांसद वहां गए तो लोगों ने कहा कि भाजपा वाले फोटो सेशन के लिए आए हैं. वहां के लोग कई समस्याओं से जूझ रहे थे.”
सायानी ने कहा, “बदला लेने के लिए अगर भाजपा सोचती है कि त्रिपुरा में हमारे कार्यालय को गिराकर पश्चिम बंगाल चुनावों में फायदा होगा या टीएमसी नेतृत्व को डराएंगे, तो यह गलत है. हम आज वहां जा रहे हैं.”
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल का जिक्र करते हुए कहा, “हमारे साथ वरिष्ठ सांसद प्रतिमा मंडल, कुणाल घोष, युवा नेता सुदिप राहा, राज्य मंत्री बीरभाह और मैं हूं. जाने से पहले social media पर धमकियां मिलीं. उम्मीद है कि त्रिपुरा Police या भाजपा Government संज्ञान लेगी. Prime Minister के त्रिपुरा दौरे के दौरान ये अत्याचार हुए हैं.”
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एसएचके/एएस
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