काठमांडू, 15 अक्टूबर . नेपाल की अंतरिम Prime Minister सुशीला कार्की ने Wednesday को नेपाली नागरिक बिपिन जोशी की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया. 2023 से हमास के कब्जे में रहे जोशी का शव हमास ने इजरायल को सौंप दिया था.
कार्की ने एक्स को लिखा, “दो साल की अटूट आशा और प्रार्थनाओं के बीच बिपिन जोशी के दुखद निधन की खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं. इस हृदय विदारक समाचार ने हमें गहरा दुःख पहुंचाया है. इस कठिन समय में, मैं उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और शोकाकुल परिवार व रिश्तेदारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं.”
टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, 23 वर्षीय जोशी, 7 अक्टूबर के हमलों से ठीक 25 दिन पहले, सितंबर 2023 में ‘लर्न एंड अर्न’ कार्यक्रम के तहत इजरायल पहुंचे थे, जहां वे किबुत्ज अलुमिम में अध्ययन और कार्य कर रहे थे.
उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए, कार्की ने कहा, “बिपिन जोशी सिर्फ एक छात्र नहीं थे; वे उन हजारों नेपाली युवाओं के लिए एक उज्ज्वल उदाहरण थे जो ज्ञान की तलाश में विदेश गए हैं. उनका जीवन उत्साह, दृढ़ता और दूसरों की मदद करने के विनम्र स्वभाव से भरा था. हम कामना करते थे कि वे सुरक्षित लौटें और नेपाल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दें.”
Prime Minister ने जोशी को “नेपाल का सपूत और शांति का समर्थक” बताया, जो “अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष का अमानवीय शिकार” बन गए.
उन्होंने कहा कि उनके अपहरण की खबर के बाद से, पूरा देश उनकी सुरक्षित रिहाई के लिए प्रार्थना कर रहा था, लेकिन उनकी मृत्यु की पुष्टि ने “पिछले दो वर्षों की हमारी सभी आशाओं और सपनों को चकनाचूर कर दिया है.”
कार्की ने हमास हमले के दौरान उनके साहस की सराहना करते हुए कहा, “वह अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन बंधक बनाए जाने से पहले अंतिम क्षणों में अभूतपूर्व साहस, बहादुरी और बलिदान दिखाकर उन्होंने कई अन्य दोस्तों की जान बचाई, जिसके लिए हम सभी उनके प्रति सदैव कृतज्ञ हैं. उनका यह वीरतापूर्ण कार्य उनके जीवन की सबसे बड़ी विरासत है, जो उन्हें नेपाली गौरव के प्रतीक के रूप में सदैव जीवित रखेगी. बिपिन जोशी की आत्मा को शांति मिले. राष्ट्र उनके बलिदान और बहादुरी को कभी नहीं भूलेगा.”
जब हमला हुआ, तब किबुत्ज अलुमिम में 16 अन्य नेपाली मौजूद थे. उनमें से दस मारे गए, पांच घायल हुए, और एक सुरक्षित बच निकलने में सफल रहा था.
Tuesday को नेपाल के विदेश सचिव अमृत बहादुर राय ने इजरायली विदेश मंत्रालय के महानिदेशक ईडन बार ताल से फोन पर बातचीत की.
नेपाली विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इजरायली Government शोक संतप्त परिवार और नेपाल की Government व जनता के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती है.
इसमें आगे कहा गया है कि इजरायल ने जोशी के अवशेषों की स्वदेश वापसी के लिए पूरी सहायता का आश्वासन दिया है.
बयान में कहा गया है, “विदेश सचिव राय ने बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतिम क्षण तक इजरायल Government और जनता के निरंतर प्रयासों के लिए उनकी हार्दिक सराहना की.”
राय ने यह भी पुष्टि की कि तेल अवीव स्थित नेपाल दूतावास को जोशी के पार्थिव शरीर को नेपाल वापस लाने में सहायता के लिए इजरायली अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है.
–
केआर/
You may also like
काली और छठ पूजा को लेकर समिति ने की प्रशासक से मुलाकात
बजरंग दल के डर से देश विरोधी और धर्म विरोधी शक्तियां अपने कार्य में विफल हो रही हैं : मनोज
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की नींव स्वस्थ नागरिक और शिक्षित युवा : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह के निवास पर कांग्रेस का प्रदर्शन, जीतू पटवारी के खिलाफ एफआईआर
निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता लोकतंत्र की असली ताकत : मुख्यमंत्री डॉ. यादव