मुंबई, 4 जुलाई . टाटा स्टील ने शुक्रवार को कहा कि उसे ओडिशा के जाजपुर में खान उप निदेशक से 1,902.72 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस मिला है.
यह नोटिस कंपनी के सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक से खनिजों के डिस्पैच में कथित कमी से संबंधित है.
टाटा स्टील द्वारा स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल की गई फाइलिंग के अनुसार, यह डिमांड नोटिस भारतीय खान ब्यूरो द्वारा दिया गया है और औसत बिक्री कीमतों की संशोधित गणना पर आधारित है.
खनन अधिकारियों ने खनिज (परमाणु और हाइड्रो कार्बन ऊर्जा खनिज के अलावा) रियायत नियम, 2016 के नियम 12ए के तहत 3 जुलाई को नोटिस जारी किया. उन्होंने बकाया राशि वसूलने के लिए कंपनी की परफॉरमेंस सिक्योरिटी राशि का उपयोग करने का भी प्रस्ताव रखा है.
कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, “3 जुलाई को टाटा स्टील लिमिटेड को खान विकास और उत्पादन समझौते के अनुसार चौथे वर्ष के लिए कंपनी के सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक से खनिजों के डिस्पैच में कमी के संशोधित आकलन के संबंध में जाजपुर के खान उप निदेशक के कार्यालय से एक डिमांड नोटिस प्राप्त हुआ है. इसमें खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों के अलावा) रियायत नियम, 2016 के नियम 12ए का कथित उल्लंघन की बात की गई है.”
कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, “मूल्यांकन में संशोधन भारतीय खान ब्यूरो द्वारा अधिसूचित औसत बिक्री मूल्य की घोषणा पर आधारित है.”
ऐसा कहा जा रहा है कि सुकिंदा ब्लॉक के लिए खान विकास और उत्पादन समझौते (एमडीपीए) के तहत खनिज डिस्पैच में कमी टाटा स्टील के खनन समझौते के चौथे वर्ष 23 जुलाई, 2023 से 22 जुलाई, 2024 तक के दौरान हुई है.
टाटा स्टील ने डिमांड नोटिस से असहमति जताई है. कंपनी ने कहा कि दावे का कोई औचित्य या उचित आधार नहीं है, और वह कानूनी चैनलों के माध्यम से नोटिस को चुनौती देने की योजना बना रही है.
ओडिशा के जाजपुर जिले में स्थित सुकिंदा देश के सबसे बड़े क्रोमाइट भंडारों में से एक है और टाटा स्टील की कच्चे माल की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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एबीएस/
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