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ट्रंप की नई टैरिफ नीति से मचा वैश्विक बाजार में हड़कंप, क्या फिर बदलेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति अपने फैसले?

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वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व और संभावित अगली बार के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। इस बार उन्होंने 14 देशों को पत्र भेजकर 25% से 70% तक के आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की चेतावनी दी है। ट्रंप की यह नीतिगत घोषणा 1 अगस्त से प्रभावी मानी जा रही है, और इसमें किसी भी देश को छूट नहीं दी जाएगी।

कैबिनेट बैठक में ट्रंप ने अपने पुराने अंदाज में कहा, “पहले के राष्ट्रपति मूर्ख थे जिन्होंने टैरिफ नहीं लगाए। व्यापार समझौते करना समय की बर्बादी है, हम सीधा पत्र भेजते हैं।”

अजीबोगरीब ‘लेटर डिप्लोमेसी’ और पहले जैसी हलचल

ट्रंप की नई रणनीति ‘लेटर डिप्लोमेसी’ के तहत भेजे गए पत्रों में न केवल अनियमित कैपिटलाइजेशन और विराम चिह्नों की गलतियां हैं, बल्कि इनमें कुछ उत्पादों पर 60% से 70% तक टैरिफ की बात की गई है। यह रणनीति अप्रैल में घोषित उनके “लिबरेशन डे” की याद दिलाती है, जब उन्होंने टैरिफ दरें पोस्टर बोर्ड पर प्रदर्शित की थीं और बाजारों में हड़कंप मच गया था।

तीन संभावित परिणाम, एक पुराना पैटर्न

विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप की इस नीति से तीन संभावित नतीजे निकल सकते हैं:

  • टैरिफ के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है।

  • ट्रंप इससे फिर पलटी मार सकते हैं, जैसा वे पहले भी कई बार कर चुके हैं।

  • यह नीति अमेरिका समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है।

  • आलोचक ट्रंप को ‘TACO’ कहने लगे हैं — Trump Always Chickens Out — यानी वह अक्सर धमकियों के बाद पीछे हट जाते हैं।

    किन देशों पर गिरेगा असर

    जिन देशों को टैरिफ की मार झेलनी पड़ सकती है, उनमें जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार, दक्षिण अफ्रीका और लाओस शामिल हैं। यहां तक कि दवाओं पर 200% तक टैरिफ लगाने की आशंका भी जताई गई है।

    आलोचकों और अर्थशास्त्रियों की प्रतिक्रिया
    • सीनेटर रॉन वेडन ने कहा, “ट्रंप का TACO रवैया उनकी धमकियों को अविश्वसनीय बना रहा है।”

    • अर्थशास्त्री वेंडोंग झांग के अनुसार, “जब आप 40% से 100% टैरिफ की बात करते हैं, तो 25% दर सामान्य लगती है। लेकिन यह आज तक का सबसे बड़ा और अनिश्चित टैरिफ हमला है।”

    • अमेरिकी थिंक टैंक AEI के डेसमंड लैकमैन ने इसे “अव्यवस्थित और रणनीति-विहीन नीति” बताया।

    सरकार की राय और बाजार की चाल

    ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट का दावा है कि इस नीति से 2025 के अंत तक अमेरिका को 300 अरब डॉलर से अधिक का टैरिफ राजस्व प्राप्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसनल बजट ऑफिस (CBO) का अनुमान इस पर बहुत कम है।

    सोमवार को जहां बाजार में गिरावट देखी गई, वहीं मंगलवार को स्थिति स्थिर रही। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को भरोसा है कि या तो ट्रंप कोई समझौता करेंगे या फिर अपनी पुरानी नीति के अनुसार पीछे हट जाएंगे।

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