इंफाल, 27 मई . मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ बैठक की और राज्य में शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने से चार दिन पहले 9 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सिंह ने राजभवन में भल्ला से मुलाकात की. अधिकारी ने बताया कि उन्होंने राज्य में चल रही जातीय चुनौतियों और अन्य मुद्दों से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की.
एन. बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज राजभवन में माननीय राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की. हमने राज्य से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की, जिसमें ग्वालटबी घटना (2 मई) से संबंधित मुद्दे और उससे उत्पन्न तनाव को हल करना शामिल था.”
उन्होंने कहा, “हमने गृह मंत्रालय के 30 दिन के निर्देश के अनुरूप एनडीए सरकार के तहत उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की, जिसमें बायोमेट्रिक पंजीकरण और सत्यापन अभियान से लेकर अवैध विदेशी नागरिकों को वापस भेजने तक की पहल शामिल है.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1962, 1988 और फिर 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार से शरणार्थियों की बड़ी संख्या के साथ मणिपुर में प्रवासियों की पहचान करने का पैमाना और जटिलता अभूतपूर्व है.
उन्होंने कहा कि कार्य की जटिलता और पैमाने को देखते हुए, मैंने माननीय राज्यपाल से गृह मंत्रालय द्वारा जारी 30 दिन की समय-सीमा को बढ़ाने का अनुरोध भी किया. राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और मणिपुर के सांस्कृतिक ताने-बाने को संरक्षित करने के लिए ये उपाय महत्वपूर्ण हैं.
पूर्व सीएम ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने हिंसा से प्रभावित विस्थापित लोगों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला जो दो साल से अधिक समय से राहत शिविरों में रह रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य के राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने पर भी चिंता व्यक्त की, जिससे लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई निवासी मौजूदा अशांति के कारण सड़क मार्ग से यात्रा करने में असमर्थ हैं.
उन्होंने राज्यपाल से उन तत्वों को निष्प्रभावी करने का आग्रह किया जो अवैध रूप से हथियार रखते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक ऐसे सशस्त्र समूहों को निष्प्रभावी नहीं कर दिया जाता, तब तक राज्य में शांति बहाल नहीं हो सकती.
पूर्व मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की हाल ही में दी गई 30 दिन की समय-सीमा पर भी बात की.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और आश्वासन दिया कि अवैध प्रवासियों की पहचान, राजमार्ग पहुंच, विस्थापित लोगों और निरस्त्रीकरण जैसे प्रमुख मुद्दों को बिना देरी के उठाया जाएगा.
पूर्व सीएम ने जनता से अपील करते हुए इन कठिन समय के दौरान एकता और शांति का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हमें इन चुनौतियों का सामूहिक रूप से और स्पष्ट मानसिकता के साथ समाधान करना चाहिए.
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पीएसके/डीएससी
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