नई दिल्ली, 6 मई . भारत में करीब 76 प्रतिशत लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करने को लेकर आश्वस्त हैं. यह आंकड़ा वैश्विक औसत 46 प्रतिशत से काफी अधिक है. यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.
47 देशों के 48,000 लोगों से बातचीत के आधार पर केपीएमजी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया कि भारत एआई को अपनाने और उस पर विश्वास में ग्लोबल लीडर है.
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत न केवल एआई के बारे में अधिक आशावादी है, बल्कि दैनिक की जिंदगी और कार्यस्थल में इसका उपयोग करने के लिए अधिक तैयार भी है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि सर्वे में भाग लेने वाले 90 प्रतिशत भारतीय लोगों ने कहा कि एआई ने विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच और प्रभावशीलता में सुधार किया है, जिससे यह देश में एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है.
इसके साथ ही 97 प्रतिशत भारतीयों ने बताया कि वह काम में एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं और 67 प्रतिशत ने माना है कि वह एआई के बिना अपने टास्क को पूरा नहीं कर सकते हैं.
वहीं, वैश्विक स्तर पर केवल 58 प्रतिशत कर्मचारी ही काम के स्थान पर एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस रिपोर्ट को मेलबर्न बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर निकोल गिलेस्पी और डॉ स्टीव लॉकी ने केपीएमजी के सहयोग से तैयार किया है.
केपीएमजी इंडिया के अखिलेश टुटेजा ने कहा कि रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं, “भारत नैतिक और इनोवेटिव एआई उपयोग में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में है.”
रिपोर्ट में बताया गया कि एडवांस अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में एआई का प्रशिक्षण और समझ अधिक है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में भाग लेने वाले लगभग 78 प्रतिशत भारतीयों को एआई का उपयोग करने की अपनी क्षमता पर भरोसा है और 64 प्रतिशत ने किसी न किसी रूप में एआई प्रशिक्षण प्राप्त किया है और 83 प्रतिशत को लगता है कि वे एआई उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकते हैं.
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एबीएस/
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