New Delhi, 26 सितंबर . social media पर हजारों फर्जी अकाउंट के जरिए Pakistan India को अस्थिर करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. Pakistanी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने India की गुप्त जानकारी निकालने का काम कराची स्थित यूनिट 412 को सौंपा है.
यूनिट 412 के सदस्यों ने India में कई संपर्क स्थापित किए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा संख्या Rajasthan , Madhya Pradesh, Gujarat, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पाई गई है.
पिछले कुछ महीनों में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार लोगों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है, जो संकेत देता है कि आईएसआई ने India में अपने जासूसी अभियान बढ़ा दिए हैं. social media पर भी गतिविधियों में भारी वृद्धि हुई है.
Rajasthan Police द्वारा हनीफ खान की गिरफ्तारी इस साल जैसलमेर में जासूसी से जुड़ी चौथी गिरफ्तारी है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी भी दी थी कि आईएसआई India के खिलाफ जासूसी और दुष्प्रचार युद्ध में और अधिक शामिल होगी.
कराची स्थित यूनिट 412 वही यूनिट है जो हनी ट्रैप रैकेट चलाती है. खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि यह यूनिट अब बहुत सक्रिय है और कई तरह के काम करती है. इसे India के खिलाफ दुष्प्रचार युद्ध छेड़ने का काम सौंपा गया है. यह यूनिट social media पर हजारों फर्जी अकाउंट्स को नियंत्रित करती है, जिनके जरिए India के खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाई जाती हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी social media पर भारतीय सशस्त्र बलों को हुए नुकसान के बारे में झूठे दावों के साथ ढेरों पोस्ट डाले गए थे. यह भारतीय सशस्त्र बलों की खराब छवि पेश करने की कोशिश थी. इसके जरिए Pakistanी सेना ने अपने अपमान को छुपाने की कोशिश की थी.
इस यूनिट पर एक मोटी रकम खर्च की जाती है, जिसका इस्तेमाल भारतीयों को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि यूनिट 412 India के भीतर भी मॉड्यूल संचालित करती है.
इस यूनिट में हायर की गई कई महिलाओं के हिंदू नाम हैं. यूनिट आकर्षक महिलाओं को काम पर रखती है, जिनका काम अधिकारियों से नजदीकी बढ़ाना और हनी ट्रैप में फंसाकर अधिकारियों से संवेदनशील जानकारी निकलवाना है.
अधिकारियों का कहना है कि देश में काफी गंदगी फैली हुई है और इसे साफ करने की जरूरत है. पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत ज्यादा है और ऐसे समय में देश की संवेदनशील जानकारी का Pakistan पहुंचना बेहद खतरनाक है. जासूसी के मामले में आम लोगों की गिरफ्तारी चिंता का विषय है, लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता इस बात की है कि आईएसआई Governmentी संगठनों में काम करने वाले लोगों को फंसा रही है.
इस साल 22 अप्रैल को सीआरपीएफ के एक सहायक उप-निरीक्षक को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसने पहलगाम के बारे में आतंकवादियों को कोई जानकारी दी थी. India में अधिकारियों को social media प्लेटफॉर्म पर आई ‘फ्रेंड रिक्वेस्ट’ पर ध्यान न देने की सलाह दी गई है.
हाल ही में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कई इन्फ्लुएंसर भी शामिल हैं. Pakistan ऐसे लोगों से संपर्क साध रहा है, क्योंकि उनकी मदद से Pakistan की अच्छी छवि पेश की जा सके. बाद में इस जानकारी का इस्तेमाल India पर Pakistan को बदनाम करने का आरोप लगाकर उसकी छवि खराब करने के लिए किया जाता है.
यूनिट 412 का काम करने का तरीका भी अलग है. अगर लगता है कि किसी अधिकारी या आम व्यक्ति से कोई गुप्त जानकारी मिल सकती है तो यूनिट अपनी महिला कर्मचारियों को social media पर भड़काऊ तस्वीरें पोस्ट करने और ऐसे लोगों को तब तक फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के लिए कहते हैं, जब तक कि कम से कम एक रिक्वेस्ट स्वीकार न हो जाए.
शिकार फंसने के बाद यूनिट 412 की लड़कियां उस व्यक्ति से दोस्ती कर उनका विश्वास हासिल करती हैं और प्राप्त जानकारी अपने आका तक पहुंचा देती हैं.
भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर के बाद आईएसआई चाहती है कि उसके सभी आतंकवादी समूह एक ही जगह से काम करें. इन इकाइयों के बारे में भी ऐसा ही चलन देखा गया है. ऑपरेशन के बाद फरीदकोट से संचालित हनी ट्रैप मॉड्यूल को कराची शिफ्ट कर दिया गया है.
वर्तमान में, Pakistan के सभी जासूसी अभियान कराची से ही चलाए जा रहे हैं. भारतीय एजेंसियों का अनुमान है कि आईएसआई 412 जैसी इकाइयों के संचालन पर प्रतिवर्ष लगभग 4,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
–
वीसी/एएस
You may also like
गैंगस्टर यासीन 'मछली' केस: HC में पेश हुए भोपाल कलेक्टर और DCP, बोले-परिजन की संपत्तियों पर बुलडोजर विधिवत
बिहार चुनाव में BJP के घुसपैठ फैक्टर से नीतीश कुमार की पार्टी असहज! NDA के अंदर सियासी कलह की बात में कितना दम?
चुटकी भर नमक है चमत्कारी बना` देगा आपको करोड़पति जानिए कैसे? क्लिक करके जाने पूरी खबर
बिहार की 75 लाख महिलाओं को 10-10 हजार मिले
मणिपुर में छह महीने और जारी रहेगा अफस्पा, नागालैंड और अरुणाचल के कुछ हिस्से भी शामिल रहेंगे