मुंबई, 1 जुलाई . मुंबई में मराठी भाषा न बोलने पर एक दुकानदार के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है. इस मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती.
समाचार एजेंसी से खास बातचीत में आनंद दुबे ने कहा कि अगर किसी को महाराष्ट्र में मराठी नहीं आती, तो हम उसे सिखाएंगे. हम चाहते हैं कि जो लोग महाराष्ट्र में रहते हैं, उन्हें मराठी जरूर आनी चाहिए. यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जैसे तमिलनाडु में तमिल और बिहार में भोजपुरी या मगही आनी चाहिए. भाषा सीखने में समय लगता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसी को मारा-पीटा जाए. जो लोग हिंसा कर रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. कानून-व्यवस्था पुलिस के हाथ में है. हमारी अपील है कि जो भाई-बहन मराठी सीखना चाहते हैं, वे शिवसेना की किसी भी नजदीकी शाखा से संपर्क करें. हम उन्हें मंच उपलब्ध कराएंगे.
मराठी को ‘बहुत प्यारी भाषा’ बताते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी और मराठी दोनों देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं और इनमें सांस्कृतिक समानताएं हैं. दुबे ने हिंदी भाषी नागरिकों से अपील की कि वे मराठी बोलना शुरू करें. धीरे-धीरे आप सीख जाएंगे. कोई भी मां के पेट से मराठी सीखकर नहीं आता. लोग कोशिश करते हैं, तब जाकर सीखते हैं. जब आप बोलने लगेंगे, तो यहां के लोग आपको अपने घर में जगह देंगे.
उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में कुछ उपद्रवी लोग जरूर हैं, जो बार-बार राज ठाकरे का नाम बदनाम करते हैं. राज ठाकरे भूमि पुत्र और मराठी मानुष की बात करते हैं, लेकिन उनके कुछ कार्यकर्ता बार-बार उनका नाम बदनाम करते हैं. वे हिंसा पर उतर आते हैं. हम उनसे कहना चाहते हैं कि अगर आपको मराठी सिखानी है तो प्यार से सिखाइए, मारिए मत.
आनंद दुबे ने बीजेपी पर भी तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि जो लोग आज संविधान और धर्मनिरपेक्षता की दुहाई दे रहे हैं, वही लोग विपक्षी नेताओं को ईडी और सीबीआई के जरिए जेल में डालते हैं. भाजपा में एक ही नियम है, जो वो कहे वही सही. यह पार्टी अपने सहयोगियों को गुलाम बना देती है, इसलिए अकाली दल और असली शिवसेना उससे दूर हो गए.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में भाजपा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अशिक्षा फैलाकर माहौल खराब कर रही है. वहां महागठबंधन, तेजस्वी यादव, कांग्रेस और शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी को हराएंगे. जनता अब बदलाव चाहती है.
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पीएसके/एबीएम
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