नई दिल्ली, 24 जून . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बदलाव पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के लेख की सराहना की है. चिराग पासवान खुद भारत सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं. अपने विभाग के अहम परिवर्तनों का जिक्र करते हुए उन्होंने एक लंबा लेख लिखा. पीएम मोदी ने इसके लिए उन्हें सराहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पिछले कुछ सालों में भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आए अहम बदलावों पर प्रकाश डाला है, जिसमें ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए गतिशील दृष्टिकोण अपनाया गया है.” पीएम मोदी ने चिराग पासवान के पोस्ट पर ये जवाब दिया है.
इसके पहले चिराग पासवान ने अपने लेख को सोशल मीडिया पर साझा किया. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र ने एक परिवर्तनकारी यात्रा की है, जिसने हमारे ग्रामीण नायकों को सशक्त बनाया है और आर्थिक विकास को गति दी है. मुझे इस लेख को लिखने पर गर्व है, जिसमें प्रगति और क्षमता की इस प्रेरक कहानी को दर्शाया गया है.”
चिराग पासवान ने अपने लेख में बिहार के एक उद्यमी ज्ञानिश कुमार मिश्रा का जिक्र किया. केंद्रीय मंत्री ने लेख में लिखा, “बिहार के मधुबनी के मखाना बेल्ट में एक शांत क्रांति चल रही है. युवा उद्यमी ज्ञानीश कुमार मिश्रा ने एक पारंपरिक फसल ‘फॉक्सनट (मखाना)’ को स्वादिष्ट स्नैक्स के राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्रांड में बदल दिया है. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना के समर्थन से, उन्होंने एक संपन्न खाद्य उद्यम बनाया है जो अब संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा को निर्यात करता है.”
उन्होंने सरकार की तरफ से खाद्य प्रसंस्करण के लिए चलाई जा रही प्रमुख योजनाओं का जिक्र किया, जिनमें प्रधानमंत्री किसान संपदा और पीएमएफएमई स्कीम्स शामिल हैं.
चिराग पासवान ने अपने लेख में लिखा, “कश्मीर से लेकर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक, माइक्रो-उद्यमी फॉर्मलाइजेशन को अपनाकर नए बाजारों में प्रवेश कर रहे हैं. एक संरचनात्मक परिवर्तन चल रहा है, जो ग्रामीण भारत की ताकत को राष्ट्रीय विकास की गति के साथ जोड़ रहा है.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 सालों में भारत ने परिवर्तन की एक यात्रा तय की है. कारोबार में आसानी बढ़ाने के लिए किए गए सुधारों के कारण आज उद्योगों को अधिक स्वायत्तता और नीतिगत समर्थन मिला है. इस व्यापक परिवर्तन के बीच खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र समावेशी विकास, कृषि-औद्योगिक एकीकरण और वैश्विक सहभागिता का एक प्रभावी माध्यम बनकर उभरा है.
–
डीसीएच/एएस
You may also like
ग्रेटर नोएडा में नारियल विक्रेता का वायरल वीडियो, पुलिस ने की गिरफ्तारी
ब्रिटिश अभिनेता का पुनर्जन्म: 7 मिनट की मृत्यु के बाद की अद्भुत यात्रा
बाजार में नकली जीरे की बढ़ती समस्या: जानें कैसे पहचानें असली जीरा
गर्मी में काले आम का अनोखा स्वाद: जानें इसके बारे में
हेडफोन के दुष्प्रभाव: जानें कैसे बचें नुकसान से