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संयुक्त राष्ट्र ने नेपाल में संवाद की पेशकश की, हिंसा से दूर रहने की अपील

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काठमांडू, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran News). नेपाल में जारी राजनीतिक संकट और लगातार हो रहे हिंसक प्रदर्शनों पर संयुक्त राष्ट्र ने गहरी चिंता व्यक्त की है. काठमांडू स्थित यूएन मिशन ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि नेपाल इस समय जिस कठिन दौर से गुजर रहा है, उसमें संवाद और सहमति ही समाधान का रास्ता है. संयुक्त राष्ट्र ने जरूरत पड़ने पर मध्यस्थता करने की भी पेशकश की है.

हिंसा से बचने की अपील
संयुक्त राष्ट्र ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सूचना तक पहुंच और शांतिपूर्ण तरीके से सभा करना बुनियादी अधिकार हैं, जिनकी रक्षा नेपाल और अंतरराष्ट्रीय कानून दोनों करते हैं. सभी प्रदर्शनकारियों से अपील की गई है कि वे अपने अधिकारों का उपयोग संयम और शांति से करें तथा किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहें.

सुरक्षा बलों को मानवाधिकार मानकों का पालन करने का निर्देश
यूएन ने नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के दौरान वे मानवाधिकारों के उच्चतम मानकों का पालन करें. साथ ही, बल प्रयोग की किसी भी घटना की निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए.

युवाओं की आवाज और सुधार का रास्ता
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि नेपाल के युवा अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से सामने रख चुके हैं. अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन समस्याओं की जड़ों को समझकर ठोस और ठोस कदम उठाए. संगठन ने यह भी कहा कि वह तनाव कम करने और शांतिपूर्ण समाधान खोजने में नेपाल की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है.

सहमति और संवाद का महत्व
संयुक्त राष्ट्र ने अपने बयान में कहा कि “संवाद सभी पक्षों की चिंताओं को दूर करने और देश के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने का सर्वोत्तम माध्यम है. स्थायी शांति और समृद्ध भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए नेपाल को संवाद और सहमति की प्रक्रिया को अपनाना ही होगा.”

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