पठानकोट, 24 अक्टूबर . पंजाब Government की ओर से महिलाओं के लिए शुरू की गई मुफ्त बस यात्रा योजना अब संकट में घिरती नजर आ रही है. इस योजना के तहत पंजाब रोडवेज पर 1200 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया हो चुका है. साथ ही, बसों को चलाने के लिए डीजल तक उपलब्ध नहीं है.
पठानकोट रोडवेज डिपो में डीजल खत्म होने के कारण Friday को चक्का जाम हो गया, जिससे चंडीगढ़, अमृतसर, जालंधर और गुरदासपुर जैसे विभिन्न रूटों पर बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. इससे यात्रियों, खासकर महिलाओं और छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
पठानकोट बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ जमा हो गई. रोडवेड बसों के न चलने से कई लोगों को निजी बसों का सहारा लेना पड़ा. छात्राओं और महिलाओं को किराया देकर यात्रा करनी पड़ी, जिससे Government की मुफ्त यात्रा योजना पर सवाल उठने लगे.
पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के प्रधान जोगिंद्र पाल सिंह लवली ने Government पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले Government ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब रोडवेज डिपो को डीजल के लिए बजट तक नहीं मिल रहा. पठानकोट डिपो में डीजल की कमी के कारण बसें खड़ी हैं और कुछ रूटों पर जो बसें चलीं, वे कल के बचे हुए डीजल से चलाई गईं. इन बसों में भी ओवरलोडिंग की समस्या देखी गई.
जोगिंद्र पाल ने बताया कि Government मुफ्त बस सेवा का दावा तो कर रही है, लेकिन इसके लिए जरूरी बजट जारी करने में नाकाम रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि Government कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किलोमीटर स्कीम को बरकरार रख रही है, जिसका टेंडर 31 अक्टूबर को फिर से खोला जाएगा. यूनियन ने इस टेंडर का विरोध करने की चेतावनी दी है.
उनका कहना है कि यह स्कीम रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.
यात्रियों ने भी Government से नाराजगी जताई. उनका कहना है कि मुफ्त यात्रा का वादा तो किया गया, लेकिन बसें ही नहीं चल रही हैं. हमें मजबूरी में किराया देकर निजी बसों में जाना पड़ रहा है.
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एकेएस/पीएसके
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