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रूस हमारे बुनियादी ढांचों को पहुंचा रहा नुकसान, दुनिया खामोश लेकिन हम लड़ेंगे: जेलेंस्की

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New Delhi, 5 अक्टूबर . रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पिछले कुछ दिनों में फिर भड़क गया है. Sunday को रूसी ड्रोन हमलों में करीब 5 लोगों के मारे जाने की खबर है. इस बीच यूक्रेन के President वोलोडिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस का मुकाबला वो डट कर करेंगे और चुप नहीं बैठेंगे.

जेलेंस्की ने social media प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से अपनी बात रखी. एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें अपने लोगों के लिए एक संदेश था. साथ में टेक्स्ट में लिखा था “रूस अभी, सर्दियों से पहले, हमारे नागरिक बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की खुलेआम कोशिश कर रहा है – गैस के हमारे बुनियादी ढांचे, बिजली उत्पादन केंद्र और ट्रांसमिशन को नुकसान पहुंचा रहा है. दुनिया भी इस पर खुलकर प्रतिक्रिया नहीं दे रही है. लेकिन हम लड़ेंगे ताकि दुनिया चुप न रहे और रूस को उसकी करनी का एहसास हो.”

अपने इस वीडियो संदेश में जेलेंस्की ने कहा, “रूस की ओर से हम पर बरसाए गए बम के बाद रिकवरी फेज जारी है. ये उनकी नीयत दर्शाता है. हमारे बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. जहां लोग रहते हैं उन इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. आज के हमले में जनहानि भी हुई. ल्वीव में एक बच्चे समेत 4 लोगों की जान चली गई. जाप्पोरिजिया में भी एक शख्स की मौत हो गई. मेरी पीड़ित परिजनों के प्रति पूरी संवेदना है. इन हमलों में 18 लोग घायल हुए हैं.”

जेलेंस्की ने बताया, “करीब 53 मिसाइल दागी गईं. इसमें बैलेस्टिक मिसाइल भी शामिल थीं. करीब 500 ड्रोन से हमला किया गया और हमने 450 को नष्ट कर दिया. इनमें 250 ‘शखेद’ थे. रूस ने सभी नियमों को ताक पर रख दिया है, लेकिन अफसोस है कि दुनिया खामोश है, प्रतिक्रिया एकदम सिफर है.

जेलेंस्की के मुताबिक अगर कुछ देश रूस को मिसाइल या ड्रोन बनाने का सामान देना बंद करें तो सब पर विराम लग जाएगा. जेलेंस्की ने वेस्ट पर आरोप लगाया कि ये सब कुछ इसलिए चल रहा है क्योंकि रूस की मिसाइलों और ड्रोन में लगने वाले साजो-सामान विदेशों से सप्लाई किए जा रहे हैं.

फिर उदाहरण देते हुए कहा, “अब रूस की किंजल मिसाइल को ही देखें, इसे 96 विदेशी कंपोनेंट्स से मिलाकर बनाया गया है. रूस उन्हें नहीं बनाता है. रूस जो 500 ड्रोन भेजता है उनमें लगे एक लाख पार्ट्स दूसरे देशों से आते हैं. इन निर्माणकर्ताओं में चीन, ताइवान, यूएस, यूके, जर्मनी, स्विजरलैंड, जापान, द रिपब्लिक ऑफ कोरिया और नीदरलैंड्स शामिल हैं. कहने का अर्थ ये है कि हम कोशिश कर रहे हैं और इसे रोका जाना चाहिए.”

केआर/

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