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मदरसों में नफरत नहीं, प्यार सिखाया जाता है : अबू आजमी

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Mumbai , 16 जुलाई . महाराष्ट्र में भाषा विवाद गहराता जा रहा है. अब मदरसों में मराठी भाषा में पढ़ाई की वकालत की जा रही है.

यह वकालत प्रदेश सरकार में मंत्री नितेश राणे ने की है. इसके बाद से महाराष्ट्र की सियासत गर्म हो गई है. नितेश राणे के बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने कटाक्ष किया है.

उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के लिए मैं बताना चाहता हूं कि कई मदरसों में मराठी में पढ़ाई होती है.

महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा कि मदरसों में उर्दू की जगह मराठी पढ़ाई जानी चाहिए और अजान मराठी में होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मदरसों में असली पढ़ाई तभी होगी जब मराठी भाषा में पढ़ाई होगी. वरना वहां से केवल बंदूक ही निकलती है.

अबू आजमी ने Wednesday को से बातचीत की. उन्होंने कहा कि कई मदरसों में पहले से ही मराठी पढ़ाई जा रही है और मदरसों में अच्छे संस्कार सिखाए जाते हैं, वहां कुछ भी बुरा नहीं सिखाया जाता. वहां सिखाया जाता है कि जन्म से लेकर मौत तक कैसे जीवन जीना है.

उन्होंने नितेश राणे पर कहा कि उनका बयान बहुत ही घटिया और अपमानजनक है. मदरसों का तो एक इतिहास रहा है कि आजादी के समय में मदरसों ने अहम भूमिका निभाई थी. महात्मा गांधी जब यहां आए थे तो उन्हें रिसीव किया था. हमारे लोगों ने तो आजादी की लड़ाई लड़ी है. मदरसे सिर्फ प्यार और मोहब्बत सिखाते हैं. हम प्यार की भाषा जानते हैं. हमारे यहां नफरत के लिए कोई जगह नहीं है.

उन्होंने महाराष्ट्र के Chief Minister देवेंद्र फडणवीस से मांग की है कि नितेश राणे के खिलाफ कार्रवाई की जाए और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जाए. हालांकि, अबू आजमी ने इस बात को भी दोहराया है कि वह पूर्व में भी कई बार निंदनीय बयान दे चुके हैं.

डीकेएम/एबीएम

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