Mumbai , 29 जुलाई . बॉलीवुड स्टार सोनू सूद सही मायने में रियल लाइफ में किसी हीरो से कम नहीं हैं. कोरोना काल में देशव्यापी तालाबंदी के दौरान उनके सराहनीय कार्यों ने पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरी.
सोनू सूद का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 30 जुलाई, 1973 को हुआ था. उन्होंने हिंदी, तेलुगु और तमिल में कई सारी फिल्में की हैं, जिनमें से अधिकांश में उन्हें नकारात्मक भूमिका में ही देखा गया. 2009 में तेलुगु ब्लॉकबस्टर ‘अरुंधति’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक के तौर पर आंध्र प्रदेश का नंदी पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता तेलुगु का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला.
2010 में बॉलीवुड फिल्म ‘दबंग’ में नकारात्मक भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए अप्सरा पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका के लिए आईफा अवॉर्ड मिला. 2012 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका के लिए साउथ का एसआईआईएमए अवॉर्ड मिला.
सूद की अन्य सफल फिल्मों में युवा, अथाडु, आशिक बनाया आपने, अशोक, जोधा अकबर, कांदिरेगा, डूकुडू, शूटआउट एट वडाला, आर… राजकुमार, हैप्पी न्यू ईयर, देवी और कुंग फू योगा शामिल हैं. जुलाई 2016 में, उन्होंने प्रोडक्शन हाउस ‘शक्ति सागर प्रोडक्शन’ की स्थापना की, जिसका नाम उन्होंने अपने पिता शक्ति सागर सूद के नाम पर रखा.
अधिकांश फिल्मों में अपने नकारात्मक भूमिका के लिए ढेरों पुरस्कार जीतने वाले सूद असल जिंदगी में एक हीरो से कम नहीं हैं. सदी की सबसे भयावह महामारी में से एक कोरोना काल में उनके परोपकारी कार्यों ने दुनिया को उन्हें देखने का एक नया नजरिया दिया. सितंबर 2020 में, सूद को कोविड-19 महामारी के दौरान उनके मानवीय कार्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा ‘एडीजी स्पेशल ह्यूमैनिटेरियन एक्शन अवॉर्ड’ के लिए चुना गया था.
कोविड-19 के समय सूद ने हजारों भारतीय प्रवासी कामगारों और छात्रों को बसों, विशेष ट्रेनों और चार्टर्ड उड़ानों की व्यवस्था करके उनके घरों तक पहुंचने में मदद की. जुलाई 2020 में उन्होंने किर्गिस्तान में फंसे 1,500 से अधिक भारतीय छात्रों को वापस उनके घर भेजने के लिए विशेष चार्टर्ड उड़ान की व्यवस्था की और उन्हें बिश्केक से वाराणसी भेजा. महामारी के दौरान उनके किए कार्यों और दान की खूब प्रशंसा हुई.
25, जुलाई 2020 को किसान की दो बेटियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वो खेत जोतते हुई दिखीं. सूद ने उस किसान परिवार को तुरंत एक ट्रैक्टर भेजा. 5 अगस्त, 2020 में उन्होंने 101 मेडिकल छात्रों को मदद की. मास्को में फंसे छात्रों को चार्टर्ड उड़ान के जरिए सुरक्षित चेन्नई पहुंचाया. महामारी के दौरान प्रवासी कामगारों को उनकी नौकरी तलाशने के लिए वेबसाइट और ऐप लॉन्च किया.
9 फरवरी 2021 को, सूद ने जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए ‘इलाज इंडिया’ पहल की शुरुआत की.
2021 में उन्होंने कोविड-19 रोगियों के लिए बहुत जरूरी ऑक्सीजन प्लांट और सिलेंडर उपलब्ध कराएं.
सोनू सूद की हालिया फिल्म ‘फतेह’ 22 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इस फिल्म के साथ उन्होंने पहली बार निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा है. फिल्म में वो पूर्व स्पेशल ऑप्स ऑफिसर के किरदार में हैं.
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एससीएच/एबीएम
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