नई दिल्ली, 13 मई . सेना की रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. राणा ने 70 देशों के रक्षा अताशे और विदेशी सेवा अधिकारियों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में मंगलवार को इन विदेशी अधिकारियों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की सैन्य श्रेष्ठता और नई पीढ़ी के युद्ध कौशल के माध्यम से राष्ट्र की शक्ति और संकल्प का प्रतीक बन गया है. इससे भारत-पाकिस्तान संबंधों में नए मानदंड स्थापित हुए हैं.
यह ब्रीफिंग भारत की सैन्य तैयारियों, स्वदेशी रक्षा उपकरणों, रणनीतिक सोच और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की पारदर्शिता को दर्शाती है, जो वैश्विक समुदाय में विश्वास पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
डीजी डीआईए ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए लक्ष्यों का चयन एक सुनियोजित प्रक्रिया के तहत किया गया, जिसमें इन लक्ष्यों के आतंकवादी लिंक की पुष्टि की गई थी.
उन्होंने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने एकीकृत, सटीक और त्वरित प्रतिक्रिया के माध्यम से निर्धारित उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया. इस ऑपरेशन को बहु-आयामी युद्ध अभियानों के रूप में अंजाम दिया गया.
उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ‘संयुक्तता और एकीकरण’ के माध्यम से सैन्य शक्ति का समन्वित प्रयोग किया गया. स्वदेशी तकनीक से बने ‘काइनेटिक फोर्स मल्टीप्लायर्स’ की प्रभावशीलता प्रदर्शित की गई. साथ ही, भारतीय सशस्त्र बलों की स्पेस, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसे नॉन-काइनेटिक क्षेत्रों में तकनीकी श्रेष्ठता को भी प्रस्तुत किया गया.
लेफ्टिनेंट जनरल राणा ने यह भी बताया कि किस प्रकार भारत विरोधी गलत सूचना अभियान, जो कि शत्रु द्वारा निरंतर चलाया जा रहा है, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा बना हुआ है. उन्होंने बताया कि भारत के दृष्टिकोण ने इस झूठे प्रचार अभियान का प्रभावी और त्वरित तरीके से मुकाबला किया और सत्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामने लाया गया.
जानकारी के मुताबिक, इस दौरान स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों की परफॉर्मेंस और 7 से 10 मई के बीच किए गए स्ट्राइक मिशन के परिणाम के बारे में बताया गया.
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जीसीबी/एबीएम/एकेजे
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