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मध्यप्रदेश के उमरिया से चौंकाने वाली खबर, छात्रावास से 5 नाबालिग लड़कियां लापता, चिट्ठी में लिखा– 'अपने सपनों को पूरा करना चाहती हूं'

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मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में पाली नगर के गिंजरी क्षेत्र स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस गर्ल्स हॉस्टल से पांच छात्राओं के अचानक लापता होने की घटना ने सभी को हैरान कर दिया। ये सभी बच्चियां आठवीं कक्षा की छात्राएं हैं। रविवार की सुबह जब छात्राएं नाश्ते के समय मौजूद नहीं थीं, तभी पूरे मामले का खुलासा हुआ। देखते ही देखते छात्रावास प्रशासन और पुलिस महकमे में अफरा-तफरी मच गई।

शनिवार की रात तक सबकुछ सामान्य

abp कि खबर के अनुसार छात्रावास की सहायक वार्डन सारिका शर्मा ने जानकारी दी कि शनिवार रात बच्चियों ने पूरे उत्साह के साथ जन्माष्टमी कार्यक्रम में भाग लिया था। उन्होंने डिनर भी किया और फिर अपने-अपने कमरों में चली गईं। लेकिन अगले दिन जब नाश्ते का समय हुआ, तो पांचों छात्राएं नदारद थीं। उनकी खोजबीन शुरू की गई तो हॉस्टल के कमरे खाली मिले। इसी के बाद पुलिस को सूचना दी गई।



पुलिस ने बनाई SIT, हर कोने में तलाश

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू ने तुरंत विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर दी। टीम ने बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और आस-पास के इलाकों में तलाश अभियान शुरू कर दिया। सुरक्षा बढ़ाने के लिए शहर के कई हिस्सों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि बच्चियों की लोकेशन का सुराग मिल सके।

एसपी ने कहा कि पुलिस हर स्तर पर प्रयास कर रही है ताकि लापता छात्राओं का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके। जिले के सभी चौकियों और थानों को सतर्क कर दिया गया है। बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।

चिट्ठी ने बढ़ाई रहस्य की परतें

जांच के दौरान पुलिस को हॉस्टल से एक पर्ची भी मिली है। उसमें एक लड़की ने लिखा है– "मैं कुछ बनना चाहती हूं, अपने दम पर कमाना और जीना चाहती हूं, इसलिए यहां से जा रही हूं।" इस पत्र ने घटना को और पेचीदा बना दिया है। पुलिस का मानना है कि संभव है कि छात्राएं अपनी इच्छा से निकली हों। हालांकि, किसी भी संभावना को नकारा नहीं जा रहा है और सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।

परिवारों का गुस्सा और लापरवाही के आरोप

लापता छात्राओं के परिजनों ने छात्रावास प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नाकाम रही। परिवारों का आरोप है कि हॉस्टल का मुख्य गेट टूटा हुआ था और चारदीवारी अधूरी थी। इतना ही नहीं, CCTV कैमरे भी महीनों से बंद पड़े थे। परिजनों ने सवाल उठाया कि यदि सुरक्षा इंतज़ाम सही होते तो बच्चियों के गायब होने की घटना कभी घटित नहीं होती।

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